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– फोटो : सोशल मीडिया
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता से मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने पर नाराजगी जताते हुए प्रमुख सचिव विधि को तलब किया है। कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ताओं की सक्षमता पर भी सवाल उठाए हैं। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए सात दिसंबर की तिथि तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने बिजनौर के सतीश कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट ने मामले में वादकारी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा था। लेकिन, सरकारी अधिवक्ता नहीं बता पाए कि वादी को नोटिस भेजा गया है कि नहीं। कोर्ट ने कहा, कि सक्षम सरकारी अधिवक्ता नियुक्त किए जाने के लिए कई बार आग्रह किया गया जिससे वादों का निस्तारण किया जा सके। मामले में शासकीय अधिवक्ता भी बेबस हैं। उनके साथ असक्षम अधिवक्ताओें की टीम है।
कोर्ट ने कहा, उसने पहले भी सरकारी अधिवक्ताओं की सक्षमता के मामले में प्रमुख सचिव गृह से शासकीय अधिवक्ता के आचरण तथा अक्षमता के मामले में हलफनामे के जरिये स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। ऐसी स्थिति को देखते हुए मामले की अगली सुनवाई पर प्रमुख सचिव विधि पेश होकर सरकारी अधिवक्ता के आचरण और अक्षमता पर स्पष्टीकरण दें।
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