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सीएम योगी और भूपेंद्र चौधरी
– फोटो : अमर उजाला
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भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़े खतौली उप चुनाव का नतीजा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिशा तय करेगा। मुकाबला भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी और गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया के बीच है। लेकिन पश्चिम यूपी के जाट क्षत्रपों के सियासी कद का इम्तिहान भी खतौली उप चुनाव में होगा। यहां का परिणाम बिरादरी में उनकी पकड़ तय करेगा।
भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल समेत अन्य नेताओं ने प्रचार किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में यह पहला चुनाव था, ऐसे में उनकी रणनीति का कितना असर रहा यह नतीजे बताएंगे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने चुनाव को अपना कहकर लड़ा और वह गांव दर गांव गए, ऐसे में उनके लिए भी यह प्रतिष्ठा का चुनाव है। क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल के लिए भी चुनाव परीक्षा की तरह है। गठबंधन की बात करें तो भाजपा के निवर्तमान विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता जाने से लेकर और चुनाव प्रचार तक के केंद्र में रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह रहे। उन्होंने विधानसभा के गांव-गांव जाकर प्रचार किया। अब फैसले की घड़ी आ गई है और कल बृहस्पतिवार को आने वाला परिणाम जाट क्षत्रपों के कद को भी तय करेगा।
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हाथी नहीं था मैदान में, दलितों को कितने भाए चंद्रशेखर
उप चुनाव से बसपा दूर रही है, ऐसे हालात में आसपा अध्यक्ष चंद्रशेखर गठबंधन के पाले में पहुंचे। सवाल यह है कि वह दलित मतदाताओं को कितना समर्थन ले पाए, यह आज तय होगा।
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