Jaunpur: एससी रसोइया ने बनाया मिड डे मील तो शिक्षिका ने जमीन पर फेंकवाया, स्कूल में हंगामा

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मड़ियाहूं आदर्श प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं में अध्यापिका द्वारा मिड डे मील का फेंका गया भोजन।

मड़ियाहूं आदर्श प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं में अध्यापिका द्वारा मिड डे मील का फेंका गया भोजन।
– फोटो : JAUNPUR

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जौनपुर के  रामनगर विकास खंड के आदर्श प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं प्रथम में मंगलवार की दोपहर में शिक्षिका ने एससी रसोइया के हाथों बना एमडीएम फेंकवा दिया। जानकारी होने पर अभिभावकों ने हंगामा किया। सूचना पर पहुंचे नायब तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी ने आरोपी शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा।

शिक्षिका ने कहा कि बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है। विद्यालय की एससी वर्ग की रसोइया संतरा कई वर्ष से एमडीएम बना रही है। मंगलवार को करीब 200 बच्चों के लिए चावल और दाल बनी थी। आरोप है कि अचानक वहां पहुंची शिक्षिका सपना सिंह ने चावल और दाल फेंकवा दिया। रसोइया का आरोप है कि शिक्षिका ने जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया।

बिना भोजन किए स्कूल में बैठे रहे बच्चे

जानकारी होने पर कई अभिभावक पहुंचे और घटना के विरोध में हंगामा किया। किसी ने मामले की जानकारी नायब तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी को दे दी। दोनों अधिकारी पहुंचे और बच्चों, रसोइया, शिक्षिका से बातचीत की। बिना भोजन किए स्कूल में बैठे बच्चों को बिस्कुट दिया गया।

नायब तहसीलदार संतोष कुमार सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा और बच्चों को घर भेज दिया। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जांच आख्या बीएसए को दी जाएगी। ग्राम प्रधान पति राना पुष्पेश ने घटना पर दुख जताया। शिक्षिका सपना सिंह ने कहा कि जातिवाद का आरोप गलत है।

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जौनपुर के  रामनगर विकास खंड के आदर्श प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं प्रथम में मंगलवार की दोपहर में शिक्षिका ने एससी रसोइया के हाथों बना एमडीएम फेंकवा दिया। जानकारी होने पर अभिभावकों ने हंगामा किया। सूचना पर पहुंचे नायब तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी ने आरोपी शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा।

शिक्षिका ने कहा कि बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है। विद्यालय की एससी वर्ग की रसोइया संतरा कई वर्ष से एमडीएम बना रही है। मंगलवार को करीब 200 बच्चों के लिए चावल और दाल बनी थी। आरोप है कि अचानक वहां पहुंची शिक्षिका सपना सिंह ने चावल और दाल फेंकवा दिया। रसोइया का आरोप है कि शिक्षिका ने जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया।

बिना भोजन किए स्कूल में बैठे रहे बच्चे

जानकारी होने पर कई अभिभावक पहुंचे और घटना के विरोध में हंगामा किया। किसी ने मामले की जानकारी नायब तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी को दे दी। दोनों अधिकारी पहुंचे और बच्चों, रसोइया, शिक्षिका से बातचीत की। बिना भोजन किए स्कूल में बैठे बच्चों को बिस्कुट दिया गया।



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