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इलाहाबाद हाईकोर्ट।
– फोटो : अमर उजाला।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध सीएमपी डिग्री कॉलेज में एलएलएम के छात्र का दाखिला निरस्त कर देने पर विश्वविद्यालय तथा कॉलेज प्रबंधन से जवाब तलब किया है। छात्र ने बिना कोई कारण बताए दाखिला रद्द कर देने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल राय ने अमिताभ सिंह की याचिका पर दिया है। कॉलेज प्रबंधन ने बिना कोई कारण बताए याची का एलएलएम कोर्स में दाखिला अचानक रद्द कर दिया है। जबकि, वह पूरे सत्र की फीस जमा कर चुका है और कक्षाएं भी चल रही हैं। दाखिला रद्द करने से पूर्व छात्र को न तो कोई नोटिस जारी किया गया और न ही उसे अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लघंन है।
अधिवक्ता का कहना था कि कॉलेज प्रबंधन ने गलत कट ऑफ मेरिट जारी किया था। बाद में अपनी गलती का एहसास होने पर उन्होंने छात्र का दाखिला निरस्त कर दिया। जबकि गलत कट ऑफ मेरिट जारी करने में छात्र की कोई गलती नहीं है। उसे प्रबंधन की गलती की सजा दी जा रही है। ऐसा करने से छात्र का पूरा कॅरियर बर्बाद हो जाएगा।
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