Mathura Voting Percentage: मतदान में गोवर्धन रहा अव्वल, कान्हा की नगरी में सबसे कम पड़े वोट

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सार

मथुरा के सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए गुरुवार को शांतिपूर्वक मतदान हुआ। 62.90 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले। सबसे अधिक गोवर्धन विधानसभा में 66.75 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे कम मथुरा में 57.33 प्रतिशत वोट डाले गए। 

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मथुरा में विधानसभा चुनाव के मतदान में गुरुवार को निराशाजनक प्रदर्शन रहा। गोवर्धन को छोड़ जिले में चार विधानसभा के मतदाता 2011 के चुनाव में हुए मतदान का पुराना आंकड़ा भी नहीं छू सके। मथुरा विधानसभा क्षेत्र में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन रहा। 

इस चुनाव में जिले के सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए 62.90 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले। यह आंकड़ा पिछले चुनाव से करीब दो प्रतिशत कम है। 2017 में सभी सीटों के लिए 64.91 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव से कम मतदान होने से प्रत्याशियों की चिंता बढ़ गई है।   

विधानसभावार मतदान प्रतिशत की तुलना करें तो 2017 में छाता विधानसभा में 66.84 प्रतिश मतदान हुआ था, जो इस बार घटकर 64.55 प्रतिशत रह गया। इस तरह छाता के मतदाताओं ने 2.29 प्रतिशत कम वोट डाले। यही स्थिति बलदेव सुरक्षित सीट पर देखने को मिली। 

बलदेव भी पिछली बार से कम हुआ मतदान 

बलदेव विधानसभा क्षेत्र के लिए 2017 में 66.68 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस बार 4 प्रतिशत कम 62.66 प्रतिशत वोट डाले गए। मांट विधानसभा में 1.44 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2017 के चुनाव में यहां 66.54 वोट पड़े थे, इस बार 65.10 प्रतिशत मतदान हुआ।

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इस चुनाव में सबसे अधिक मतदान गोवर्धन में हुआ। इस सीट के लिए 66.75 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। यह आंकड़ा पिछले चुनाव से .25 प्रतिशत अधिक है। 2017 में यहां 66.50 प्रतिशत मतदान हुआ था। सबसे अधिक निराशाजनक प्रदर्शन मथुरा सीट के लिए रहा। 

मथुरा में पिछले चुनाव में भी सबसे कम मतदान हुआ था। इस बार भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। इस चुनाव में मथुरा विधानसभा के 57.33 प्रतिशत मतदाता भी घरों से निकले और मतदान किया। जबकि पिछले बार यहां 59.44 प्रतिशत वोट डाले गए थे। 
 

विस्तार

मथुरा में विधानसभा चुनाव के मतदान में गुरुवार को निराशाजनक प्रदर्शन रहा। गोवर्धन को छोड़ जिले में चार विधानसभा के मतदाता 2011 के चुनाव में हुए मतदान का पुराना आंकड़ा भी नहीं छू सके। मथुरा विधानसभा क्षेत्र में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन रहा। 

इस चुनाव में जिले के सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए 62.90 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले। यह आंकड़ा पिछले चुनाव से करीब दो प्रतिशत कम है। 2017 में सभी सीटों के लिए 64.91 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव से कम मतदान होने से प्रत्याशियों की चिंता बढ़ गई है।   

विधानसभावार मतदान प्रतिशत की तुलना करें तो 2017 में छाता विधानसभा में 66.84 प्रतिश मतदान हुआ था, जो इस बार घटकर 64.55 प्रतिशत रह गया। इस तरह छाता के मतदाताओं ने 2.29 प्रतिशत कम वोट डाले। यही स्थिति बलदेव सुरक्षित सीट पर देखने को मिली। 

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