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भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह।
– फोटो : अमर उजाला।
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गोरखपुर-फैजाबाद स्नताक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह की जीत प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव के लिए बड़ा संदेश है। देवेंद्र ने इस सीट से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल कर यह जता दिया है कि पूर्वांचल के प्रबुद्ध वर्ग में उनकी गहरी पैठ है। चार बार एमएलसी का चुनाव जीतने के बाद अब उनका कद भी बड़े नेताओं में शुमार हो गया है। लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति की उपज देवेंद्र प्रताप सिंह पिछले 36 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। अपने जुझारूपन के चलते कद्दावर नेता के रूप में पहचान बनाने वाले देवेंद्र प्रताप सिंह ने 1986 में पहली बार गोरखपुर-फैजाबाद सीट से चुनावी मैदान में ताल ठोंका। हालांकि, उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इस सीट को ही अपनी कर्मभूमि बना ली।
1992 में भी वे चुनाव नहीं जीत पाए। लेकिन, 1998 में सपा के टिकट पर लड़े और पहली बार सदन में पहुंचे। यह वह दौर था जब देवेंद्र ने अपनी पकड़ गांव-गांव बना ली। पिछले तीन बार से वे लगातार चुनाव जीत रहे हैं, जिसमें दो बार से भाजपा के बैनर तले एमएलसी बने हैं। इस बार की जीत गोरखपुर-फैजाबाद सीट के इतिहास में सबसे बड़ी जीत है। वे इकलौते एमएलसी हैं जिन्होंने पहली बार प्रथम वरीयता में ही जीत हासिल कर अपनी सियासी ताकत का अहसास करा दिया है।
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