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(सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते के अवार्ड के बाद मसौदे का एक पृष्ठ बदलने को गंभीरता से लिया और समझौता अवार्ड पर रोक लगा दी तथा जमीन की यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विपक्षियों से चार हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी। कोर्ट ने जिला जज मऊ को लोक अदालत की पत्रावली अपनी अभिरक्षा में लेकर इन हाउस इंक्वायरी कर रिकॉर्ड सहित सील कवर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने उमाशंकर पांडेय की याचिका पर दिया है। याची की ओर से कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच लोक अदालत में जमीन को लेकर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर से समझौता हुआ। इसके बाद समझौते का एक पृष्ठ बदल दिया गया। जिस पर पक्षकारों के हस्ताक्षर नहीं हैं। याची ने अवार्ड आदेश वापस लेने की अर्जी दी, जिसे खारिज कर दिया गया। पुनरीक्षण अर्जी भी खारिज कर दी तो यह याचिका दायर की गई। कोर्ट ने जिला जज से सीलबंद रिपोर्ट मांगी है।
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