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सब रजिस्ट्री कार्यालय पर बेहोश पड़ीं दो युवती
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अपने हिस्से की जमीन को बेचने से बचाने के लिए पांच साल से सब रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर निगरानी के लिए बैठीं एक महिला की दो बेटियों ने बाबा द्वारा जमीन बेचे जाने पर सब रजिस्ट्रार कार्यालय पर विषाक्त पदार्थ पी लिया। इससे दोनों युवतियों की हालत बिगड़ गई। घटना से पुलिस व प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन दोनों युवतियों को सीएचसी ले जाया गया। जहां से जेएन मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है।
अतरौली तहसील के गांव धनसारी निवासी रहीसन बेगम पत्नी गुलशन ने बताया कि उनके ससुर की दो शादी हुईं थी। पहली पत्नी के गुलशन और एक अन्य भाई हैं। दूसरी के भी दो बेटे हैं। आरोप है कि ससुर व सौतेली सास ने पति को उनके हिस्से की एक इंच जमीन भी नहीं दी है। चार बीघा जमीन व 200 गज का प्लाट ससुर बेच चुके हैं। शेष 18 बीघा जमीन में से भी हिस्सा नहीं दिया है और जमीन को बेचने की फिराक में रहते हैं। ससुर जमीन को बेच न दें, इसकी निगरानी के लिए पिछले पांच साल से रहीसन रोजाना रजिस्ट्री कार्यालय में बने टीन शेड में आकर बैठ जातीं।
शुक्रवार को ससुर ने 100 वर्ग गज जमीन का बैनामा किसी व्यक्ति को कर दिया। आरोप है कि उस दिन रहीसन ने खूब हंगामा किया, मगर बैनामा नहीं रोका गया। सोमवार को रहीसन पति गुलशन व तीन बेटियों रहनुमा, कहकशां और मन्तशा के साथ सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचीं और बैनामा निरस्त करने की मांग करने लगीं। रजिस्ट्री कार्यालय से कोई संतोष जनक उत्तर नहीं मिलने से गुस्साईं रहनुमा और कहकशां ने विषाक्त पदार्थ पी लिया। इससे दोनों की हालत बिगड़ गई। घटना की सूचना पर नायब तहसीलदार सुरेंद्र गौतम व कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवतियों को सीएचसी लाया गया। जहां हालत गम्भीर देख उन्हें जेएन मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया।
अमर उजाला ने उठाया था मुद्दा
तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय पर जमीन बचाने के लिए पांच साल से पहरा दे रहीं रहीसन समेत तीन महिलाओं का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। इस बात सूचना के बाद भी प्रशासन और सब रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा मामले का निपटारा नहीं कराया जा सका।
दिनभर नहीं हुए रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामा
घटना के बाद सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी ताला लगाकर बाहर आ गए और कार्यालय में दिनभर ताला लटका रहा। इससे सोमवार को दिनभर बैनामा नहीं हुए।
किसी व्यक्ति के नाम यदि जमीन है तो उसे बैनामा करने से हम नहीं रोक सकते। परिजनों को इसके लिए सक्षम न्यायालय का सहारा लेना चाहिए था। युवतियां जहर पीकर कार्यालय में घुसी थीं। शुक्रवार को बैनामा हुआ था, तीन घंटे इस प्रक्रिया में लगते हैं। परिजन उसी समय आकर विरोध कर सकते थे। – चेतेंद्र सिंह, सब रजिस्ट्रार
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