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फैक्टरी की छत का लिंटर गिरा
– फोटो : अमर उजाला
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गाजियाबाद के लोनी के औद्योगिक क्षेत्र रूपनगर में फैक्टरी की छत का लिंटर डाले जाने के दौरान 13 मजदूर काम कर रहे थे। छह छत पर थे बाकी नीचे। तभी अचानक दीवारें ढह गईं और अगले ही पल लिंटर धड़ाम से गिर पड़ा। आसपास के मजदूर चीखते हुए भागने लगे। देखते ही देखते इमारत मलबे के ढेर में तबदील हो गई।
इसमें दबे मजदूरों की जोर से चीख सुनाई देने लगी, बचाओ…बचाओ। करीब एक घंटे तक 11 मजदूरों की ये चीखें गूंजती रहीं। इसके बाद आसपास के लोग आए और उन्होंने मलबा हटाकर मौत के मुंह में फंसी जिंदगी को बाहर निकालना शुरू किया। अन्य दो की मौत हो चुकी थी। रात साढ़े 11 बजे तक अभियान चलता रहा।
रूपनगर में रहने वाले जमील ने बताया कि छत का लिंटर गिरते ही सबसे पहले पहुंचे लोगों में वह भी शामिल था। वहां कई लोग मलबे में दबे थे। पांच लोग बुरी तरह चीख रहे थे। ये मलबे में ऊपर की तरफ थे। ये लोग छत के साथ ही गिरे थे। उन तक पहुंचना बहुत मुश्किल था। उनके ऊपर भारी पिलर लटके हुए थे, जो कभी भी गिर सकते थे। अगर उन पांच लोगों को वहां से निकालने में थोड़ी सी देर और हो जाती तो उनकी जिंदगी बच पाना मुश्किल था।
पिलर गिरते ही कुछ भी हो सकता था। आसपास के लोगों ने पुलिस के आते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया। लोगों ने हाथ से मलबे से पत्थरों को हटाया और उन पांचों को बाहर निकाला। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उनकी जान बच गई। पांचों को गुरु तेग बहादुर अस्पताल रेफर किया है।
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