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प्रतीकात्मक तस्वीर
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प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत निजी क्षेत्र की सहभागिता से किफायती आवास (अर्फोडेबुल हाउसिंग इन पार्टनरशिप) घटक के तहत अब उस जमीन पर भी बिल्डर मकान बना सकेंगे, जिसे बंधक पर रखा गया है। इसके लिए शर्त यह होगी कि बिल्डर को बंधक रखी गई जमीन की कीमत के बराबर धरोहर राशि जमा करनी होगी। राज्य सरकार ने बंधक रखे गए भूखंडों पर मकान बनाने के लिए लगाई गई शर्तों में ढील दी है। इस फैसले से शहरी क्षेत्रों में निजी सहभागिता में किफायती मकान बनाने में तेजी आएगी।
राज्य सरकार शहरों में सभी जरूरतमंदों को छत उपलब्ध कराना चाहती है। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निजी क्षेत्र की सहभागिता से किफायती आवास (अर्फोडेबुल हाउसिंग इन पार्टनरशिप) नीति बनी है। इस नीति के तहत आवासीय योजना के क्षेत्रफल की 15 प्रतिशत भूमि बंधक रखने का प्रावधान है। यानि बिल्डर योजना के लिए प्रस्तावित 100 प्रतिशत भूमि के स्थान पर 85 प्रतिशत क्षेत्र में ही मकान सकेगा। बाकी 15 प्रतिशत (बंधक रखी गई) जमीन पर निर्माण करना प्रतिबंधित रहेगा। इस प्रावधान की वजह से बिल्डर इस घटक के तहत मकान बनाने में रुचि नहीं ले रहे थे।
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इस विसंगति के मद्देनजर आवास विभाग ने इस शर्त में ढील दे दी है। आवास विभाग ने नए शासनादेश में कहा है कि बंधक रखी गई भूमि की कीमत के बराबर धनराशि जमा करने पर बिल्डर को उस जमीन पर भी मकान बनाने की अनुमति दे दी जाएगी। हर साल जमीन की कीमत बढ़ने के हिसाब से धरोहर राशि में वृद्धि होती जाएगी। बिल्डरों को हर साल बैंक गारंटी में वृद्धि करते हुए इसका नवीनीकरण भी कराना होगा।
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