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यूपी विधानसभा का एक दृश्य। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : amar ujala
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सरकार विभागों को बजट नहीं दे रही है। जो बजट दिया जा रहा है, वह भी खर्च नहीं हो रहा है। प्रदेश में विकास केवल भभूत से हो रहा है। ये आरोप सपा विधायक लालजी वर्मा ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार का यह बजट सपने बेचने वाला है। गांव, गरीब, किसान, महिला और नौजवान विरोधी बजट पेश कर सरकार झूठी वाहवाही लूट रही है।
वर्मा ने कहा कि सरकार बीते छह वर्ष की उपलब्धियां ऐसे बता रही हैं जैसे कि वर्ष 2017 से पहले यूपी में कुछ हुआ ही नहीं था। बजट में गन्ना उत्पादन 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ना बताया गया है, जो संभव नहीं है। चालू वित्तीय वर्ष में 6,15,518 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। अब तक 57 फीसदी बजट ही खर्च हुआ है। ऐसे में एक महीने में शत प्रतिशत बजट खर्च होना संभव नहीं है।
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अगर विश्वसनीयता होती तो सीटें 325 से 256 कैसे हो गईं
वर्मा ने कहा कि सरकार विश्वसनीयता के दम पर दोबारा जीतकर आने का दावा करती है। सरकार को याद रखना चाहिए कि कांग्रेस ने प्रदेश में कई बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। यदि सरकार की विश्वसनीयता होती तो 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटें 325 से घटकर 256 कैसे हो गई। वर्मा ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति के लिए 22 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान कर एक भी रुपया जारी नहीं किया। अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए 828 करोड़ रुपये का प्रावधान कर सिर्फ 39.92 करोड़ रुपये जारी किए है।
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