Holi 2022: मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर में गढ़ेगा होली का डांडा, ब्रज में रंगोत्सव का छाएगा उल्लास

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सार

‘सब जग होरी या ब्रज होरा’ वाली कहावत ब्रज हर वर्ष चरितार्थ होती है। ब्रज में फाग महोत्सव 40 दिन तक चलता है। इस दौरान हर दिन होली के कार्यक्रम होते हैं। इसी क्रम में होली का उल्लास अब छाने लगा है। 

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वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बाद अब श्रीद्वारिकाधीश मंदिर में होली के उत्सव की शुरूआत होने जा रही है। माघ पूर्णिमा से मंदिर में दर्शन के दौरान होली का डांडा गढे़गा और शयन में इसके दर्शन होंगे। गुरुवार से होली के रसिया के गायन की परंपरा शुरू हो जाएगी। पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के श्रीद्वारकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि मंदिर के गोस्वामी बृजेश कुमार और गोस्वामी डॉ. वागीश कुमार के निर्देशानुसार मंदिर में होली के कार्यक्रमों का निर्धारण किया गया है। 

इसके तहत 16 फरवरी को सायंकाल शयन के दर्शन खुलने के बाद होली का डांडा गढ़ेगा। 17 फरवरी को सुबह राजभोग के दर्शन में सुबह 10 से 11 बजे तक प्रतिदिन ब्रज के सुप्रसिद्ध रसियाओं का गायन होगा। इसी दौरान विभिन्न मनोरथों का आयोजन होगा। इसमें कुंज भरी एकादशी, बगीचा में होली और ढोल महोत्सव आदि भव्य आयोजन होंगे।

40 दिन तक होती है होली 

ब्रज में होली की शुरुआत वसंत पंचमी से हो चुकी है। यह परंपरा 40 दिन तक चलती है। मथुरा, वृंदावन, बरसाना और नंदगांव में होली के प्रमुख कार्यक्रम होते हैं। नंदगांव और बरसाना में वसंत लगते ही यहां के लोग लठमार होली की तैयारियों में जुट जाते हैं। यहां की लठमार होली की विश्व भर में पहचान है।

ब्रज की होली के प्रमुख कार्यक्रम

10 मार्च : फाग आमंत्रण महोत्सव नंदगांव, लड्डू होली बरसाना।
11 मार्च : बरसाना की लठामार होली।
12 मार्च : नंदगांव की लठामार होली।
14 मार्च : श्रीकृष्ण जन्मभूमि, श्री द्वारिकाधीश और बिहारीजी मंदिर की होली।
16 मार्च : गोकुल की छड़ी मार होली।
18 मार्च : फालेन में धधकती आग से निकलेगा पंडा।
19 मार्च : होली।
20 मार्च : नंदगांव, जाब और दाऊजी में हुरंगा।
20 मार्च : चरकुला नृत्य मुखराई।
21 मार्च : गिडोह तथा बठैन में हुरंगा।
23 मार्च : रंग पंचमी फूलडोल मेला खायरा।

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विस्तार

वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बाद अब श्रीद्वारिकाधीश मंदिर में होली के उत्सव की शुरूआत होने जा रही है। माघ पूर्णिमा से मंदिर में दर्शन के दौरान होली का डांडा गढे़गा और शयन में इसके दर्शन होंगे। गुरुवार से होली के रसिया के गायन की परंपरा शुरू हो जाएगी। पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के श्रीद्वारकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि मंदिर के गोस्वामी बृजेश कुमार और गोस्वामी डॉ. वागीश कुमार के निर्देशानुसार मंदिर में होली के कार्यक्रमों का निर्धारण किया गया है। 

इसके तहत 16 फरवरी को सायंकाल शयन के दर्शन खुलने के बाद होली का डांडा गढ़ेगा। 17 फरवरी को सुबह राजभोग के दर्शन में सुबह 10 से 11 बजे तक प्रतिदिन ब्रज के सुप्रसिद्ध रसियाओं का गायन होगा। इसी दौरान विभिन्न मनोरथों का आयोजन होगा। इसमें कुंज भरी एकादशी, बगीचा में होली और ढोल महोत्सव आदि भव्य आयोजन होंगे।

40 दिन तक होती है होली 

ब्रज में होली की शुरुआत वसंत पंचमी से हो चुकी है। यह परंपरा 40 दिन तक चलती है। मथुरा, वृंदावन, बरसाना और नंदगांव में होली के प्रमुख कार्यक्रम होते हैं। नंदगांव और बरसाना में वसंत लगते ही यहां के लोग लठमार होली की तैयारियों में जुट जाते हैं। यहां की लठमार होली की विश्व भर में पहचान है।

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