[ad_1]
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रतिनिधि सभा ने भगवा खेमे के धुर विरोधियों को भी श्रद्धांजलि देकर लोकसभा चुनाव से पहले भविष्य की राजनीति के संकेत दे दिए हैं। बैठक में सपा संरक्षक स्व. मुलायम सिंह यादव और समाजवादी नेता रहे स्वर्गीय शरद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सियासी पंडितों का मानना है कि संघ ने यह हरियाणा, यूपी और बिहार में यादव वोटों को साधने के लिए किया है।
हरियाणा के पानीपत स्थित समालखा में चल रही तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने श्रद्धांजलि के लिए जिन 100 नेताओं के नाम पढ़े, उनमें मुलायम सिंह और शरद यादव को श्रद्धांजलि देना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय है। दोनों ही नेताओं की राजनीति जीवन पर्यंत आरएसएस की खिलाफत के इर्द-गिर्द घूमती रही। मुलायम सिंह ने तो अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का विरोध किया। सपा सरकार के अयोध्या में कारसेवकों पर चली लाठियों और गोलियों को संघ के वैचारिक राजनीतिक संगठन भाजपा की ओर से आज भी चुनावी मुद्दा बनाया जाता है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए की समाप्ति, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होने संघ के दो बड़े मुद्दे हल हो गए हैं। 2024-25 में आरएसएस के शताब्दी वर्ष के मद्देनजर देश में भाजपा की सरकार होना संघ के लिए भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में संघ ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछड़े वर्ग में प्रभावशाली यादव वोट बैंक को साधने के लिए यह कदम उठाया है।
[ad_2]
Source link