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एसपी देहात पश्चिमी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि गुमान सिंह से पूछताछ की गई। इसमें पता चला कि वह वर्ष 2017 में सेना में भर्ती हुआ था। पंजाब से पहले वह जम्मू में तैनात था। छह महीने पहले पंजाब में तैनाती हुई थी। उसका भाई सुरेंद्र है। वह सेना की भर्ती देख रहा है। हाल में हुई भर्ती प्रक्रिया में वह मेडिकल और शारीरिक दक्षता परीक्षा दे चुका है। सरकार की अग्निपथ भर्ती योजना आने से भर्ती रद्द हो गई। इससे उसे लग रहा था कि सुरेंद्र भर्ती नहीं हो सकता है। इससे गुमान सिंह परेशान हो गया था। उसे लग रहा था कि भाई अब सेना में कभी भर्ती नहीं हो पाएगा।
वाईफाई से चलाता था इंटरनेट
गुमान सिंह ने 17 जून को व्हाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया। इसका नाम इंकलाब जिंदाबाद दिया। इसमें राजस्थान के जयपुर और आगरा के युवाओं को जोड़ दिया। इसके बाद मैसेज करने लगा। वायस संदेश भी डाल रहा था। इंटरनेट चलाने के लिए वह वाईफाई का प्रयोग करता था।
आगजनी के लिए भड़काया था
पुलिस के मुताबिक, ग्रुप एडमिन के रूप में गुमान सिंह अपने ग्रुप पर लगातार मैसेज कर रहा था। इसमें कह रहा था कि सरकारी संपत्ति को जला दो। बस और ट्रेनों में आगजनी कर दो। सरकार ऐसे नहीं झुकेगी। लिख रहा था कि मैं फौजी होकर आप सभी की लड़ाई लड़ रहा हूं। फिर आप क्यों नहीं आगे आ रहे हो। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के लिए भी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मैसेज डाले थे। उन्हें धमकी भी दी थी। उसने 17 जून को एक वायस मैसेज भेजा था। इसके बाद 18 जून को पांच और मैसेज भेजे थे। पुलिस की कार्रवाई होने के बाद वह ग्रुप से अलग हो गया था।
ग्रुप से बाहर हो रहे थे लोग
गुमान सिंह लगातार ग्रुप से लोगों को जोड़ रहा था। इसमें 20 से 25 एडमिन बना दिए थे। 300 से ज्यादा सदस्य भी थे। भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ किए जा रहे कई मैसेज को देखकर लोग ग्रुप से बाहर भी होने लगे थे। मगर, बड़ी संख्या में एडमिन ग्रुप में लोगों को जोड़ भी रहे थे। पुलिस कार्रवाई के बाद ग्रुप पूरी तरह से बंद हो गया।
परिवार के लोग पहुंचे थाने
आरोपी गुमान सिंह के पकड़े जाने की जानकारी पर परिवार के लोग भी थाना मलपुरा पहुंच गए। मगर, वो थाने के अंदर नहीं गए। बाहर ही खड़े रहे। उधर, गुमान सिंह ने भी पकड़े जाने के बाद यही बात कही कि वह आवेश में आ गया था। उनके पिता हाकिम सिंह भी सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं।
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