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आजादी के अमृत महोत्सव में पहली बार 11 दिनों के लिए स्मारकों को रोशन किया गया है, लेकिन आगरा में लापरवाही ये है कि इस ऐतिहासिक मौके पर सड़कों को रोशन करना भूल गए। शहर की सड़कों पर लगीं 60 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटों में से करीब 25 हजार खराब हैं। रात में गड्ढे और जलभराव न दिखने से हादसे हो रहे हैं। इससे नाराज पार्षदों ने नगर निगम की इस लापरवाही पर मोर्चा खोला है। वे अपने क्षेत्रों में प्रदर्शन के लिए संपर्क में लग गए हैं।
शहर में करीब 127 किमी लंबी सड़कें सीवर, पानी के कारण खुदी पड़ी हैं। गड्ढे और खुदी सड़कों पर रात में चलना घातक हो रहा है। पार्षदों के मुताबिक कोई वार्ड ऐसा नहीं, जहां 40 फीसदी स्ट्रीट लाइटें खराब न हों। शिकायत के बाद भी विभागों पर कोई असर नहीं है। आवास विकास की पार्षद सुषमा जैन का कहना है कि कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। प्रकाश विभाग में सुनवाई नहीं हो रही। जब पार्षद की नहीं सुन रहे तो आम आदमी की समस्या कैसे दूर करेंगे।
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
जयपुर हाउस के पार्षद मुकुल गर्ग ने कहा कि उनके क्षेत्र में भी स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। अंधेरे के कारण वारदात होते हैं। निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। महिलाओं से छेड़खानी होती है। आजमपाड़ा के पार्षद राहुल चौधरी ने कहा कि अंधेरे में बारिश का पानी भरने पर अंदाजा नहीं लगता कि कितना गहरा गड्ढा है। बंद स्ट्रीट लाइटों को कर्मचारी ठीक नहीं कर रहे हैं।
इन क्षेत्रों में बंद पड़ीं
सिकंदरा, पश्चिमपुरी चौराहा, शास्त्रीपुरम, आवास विकास कॉलोनी, 80 फुट रोड, यूपीएसआईडीसी, ईपीआईपी रोड, दहतोरा, कैलाशपुरी, दयालबाग, अवधपुरी, राजपुर चुंगी, अलबतिया रोड, मारुति एस्टेट, बल्केश्वर, यमुनापार टेढ़ी बगिया, राजनगर, बालाजीपुरम, आजमपाड़ा, जयपुर हाउस, साकेत कॉलोनी, लोहामंडी, ग्वालियर रोड, सेवला, मधु नगर, बल्केश्वर, जीवनी मंडी समेत क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटें बंद हैं।
टीमें बढ़ाकर दूर करेंगे शिकायतें
नगर आयुक्त निखिल टी. फुंडे ने बताया कि प्रकाश विभाग से स्ट्रीट लाइटों की शिकायतों को प्राथमिकता से ठीक करने के लिए कहा गया है। सामान की उपलब्धता के निर्देश दिए गए हैं। टीमें बढ़ाकर शिकायतें दूर की जाएंगी।
विस्तार
आजादी के अमृत महोत्सव में पहली बार 11 दिनों के लिए स्मारकों को रोशन किया गया है, लेकिन आगरा में लापरवाही ये है कि इस ऐतिहासिक मौके पर सड़कों को रोशन करना भूल गए। शहर की सड़कों पर लगीं 60 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटों में से करीब 25 हजार खराब हैं। रात में गड्ढे और जलभराव न दिखने से हादसे हो रहे हैं। इससे नाराज पार्षदों ने नगर निगम की इस लापरवाही पर मोर्चा खोला है। वे अपने क्षेत्रों में प्रदर्शन के लिए संपर्क में लग गए हैं।
शहर में करीब 127 किमी लंबी सड़कें सीवर, पानी के कारण खुदी पड़ी हैं। गड्ढे और खुदी सड़कों पर रात में चलना घातक हो रहा है। पार्षदों के मुताबिक कोई वार्ड ऐसा नहीं, जहां 40 फीसदी स्ट्रीट लाइटें खराब न हों। शिकायत के बाद भी विभागों पर कोई असर नहीं है। आवास विकास की पार्षद सुषमा जैन का कहना है कि कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। प्रकाश विभाग में सुनवाई नहीं हो रही। जब पार्षद की नहीं सुन रहे तो आम आदमी की समस्या कैसे दूर करेंगे।
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
जयपुर हाउस के पार्षद मुकुल गर्ग ने कहा कि उनके क्षेत्र में भी स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। अंधेरे के कारण वारदात होते हैं। निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। महिलाओं से छेड़खानी होती है। आजमपाड़ा के पार्षद राहुल चौधरी ने कहा कि अंधेरे में बारिश का पानी भरने पर अंदाजा नहीं लगता कि कितना गहरा गड्ढा है। बंद स्ट्रीट लाइटों को कर्मचारी ठीक नहीं कर रहे हैं।
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