आगरा के मलपुरा से लापता हुईं इंटरमीडिएट और दसवीं की छात्रा दो बहनों को ढूंढने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। इंस्टाग्राम पर दोस्त बनकर चैटिंग की। मदद के लिए एक नंबर छोड़ा। इस पर छात्राओं ने कॉल किया। पुलिस की सर्विलांस और एसओजी टीम ने उनकी लोकेशन ट्रेस की, वे ऋषिकेश में थीं। मेरठ-मुजफ्फरनगर मार्ग पर बस में आते समय उन्हें ढूंढ लिया गया। बेटियों के मिलने से परिजन खुश हो गए। पुलिस के अनुसार दोनों बहनें परीक्षा में नंबर कम आने की आशंका पर घर से चली गईं थीं।
पुलिस उपायुक्त पश्चिमी जोन सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि 16 दिसंबर की शाम को दोनों बहनों के चाचा ने पुलिस को सूचना दी थी। इस पर सर्विलांस, एसओजी, थाना पुलिस को लगाया गया था। छात्राओं के सोशल मीडिया एकाउंट को देखा गया। बड़ी ने इंस्टाग्राम पर एकाउंट बनाया था। एक परिचित के माध्यम से मैसेज डाला गया। पुलिस और छात्राओं के बीच चैटिंग शुरू हो गई। पुलिस ने लिखा कि किसी तरह की जरूरत हो तो बता देना। एक नंबर भी भेज दिया।
मेरठ आ रही थीं दोनों बहनें
छात्राओं ने रुपये खत्म होने पर मदद मांगी। इस पर पुलिसकर्मी ने मैसेज से बात की, कहा कि मेरठ आ जाना। वहां पर रुपये मिल जाएंगे। एक व्यक्ति को रुपये लेकर भेज रहे हैं। उधर, सर्विलांस टीम ने लोकेशन पता की। यह ऋषिकेश की थी। दोनों बहनें बस से मेरठ आ रहीं थीं। मेरठ-मुजफ्फरनगर मार्ग पर टोल प्लाजा पर बस को रुकवा लिया गया। परिजन भी पुलिस के साथ थे। उन्होंने बेटियों को पहचान लिया। वह दोनों के मिलने से खुश हो गए। उन्होंने पुलिस का धन्यवाद दिया।
आईपीएस बनने का है सपना
पुलिस उपायुक्त पश्चिमी जोन सत्यजीत गुप्ता के मुताबिक, दोनों बहनों से पूछताछ की गई। इनमें बड़ी इंटरमीडिएट तो छोटी हाईस्कूल की छात्रा है। बड़ी ने बताया कि वह आईपीएस बनना चाहती है। उसने अपना इंस्टाग्राम पर एकाउंट भी बनाया है। कुछ महीने पहले उनके बाबा की मौत हो गई थी। इस कारण पढ़ाई नहीं कर पाई थी।
पिता ने कहा था कि इंटर में नंबर कम आए तो पढ़ाई छुड़वा देंगे। शादी भी कर देंगे। यह सुनकर वो घबरा गई थी। स्कूल में प्री बोर्ड की परीक्षा चल रही है। उसे लग रहा था कि नंबर कम आएंगे। वह पढ़ नहीं पाएगी तो आईपीएस कैसे बनेगी। वह घर से निकली तो छोटी बहन भी साथ चल दी। दोनों बस और ट्रेन से ऋषिकेश पहुंचीं थीं। चार हजार रुपये ही लेकर आए थे। रुपये खत्म हो गए। अब रुपयों की जरूरत थी।
आगरा के मलपुरा से लापता हुईं इंटरमीडिएट और दसवीं की छात्रा दो बहनों को ढूंढने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। इंस्टाग्राम पर दोस्त बनकर चैटिंग की। मदद के लिए एक नंबर छोड़ा। इस पर छात्राओं ने कॉल किया। पुलिस की सर्विलांस और एसओजी टीम ने उनकी लोकेशन ट्रेस की, वे ऋषिकेश में थीं। मेरठ-मुजफ्फरनगर मार्ग पर बस में आते समय उन्हें ढूंढ लिया गया। बेटियों के मिलने से परिजन खुश हो गए। पुलिस के अनुसार दोनों बहनें परीक्षा में नंबर कम आने की आशंका पर घर से चली गईं थीं।
पुलिस उपायुक्त पश्चिमी जोन सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि 16 दिसंबर की शाम को दोनों बहनों के चाचा ने पुलिस को सूचना दी थी। इस पर सर्विलांस, एसओजी, थाना पुलिस को लगाया गया था। छात्राओं के सोशल मीडिया एकाउंट को देखा गया। बड़ी ने इंस्टाग्राम पर एकाउंट बनाया था। एक परिचित के माध्यम से मैसेज डाला गया। पुलिस और छात्राओं के बीच चैटिंग शुरू हो गई। पुलिस ने लिखा कि किसी तरह की जरूरत हो तो बता देना। एक नंबर भी भेज दिया।
मेरठ आ रही थीं दोनों बहनें
छात्राओं ने रुपये खत्म होने पर मदद मांगी। इस पर पुलिसकर्मी ने मैसेज से बात की, कहा कि मेरठ आ जाना। वहां पर रुपये मिल जाएंगे। एक व्यक्ति को रुपये लेकर भेज रहे हैं। उधर, सर्विलांस टीम ने लोकेशन पता की। यह ऋषिकेश की थी। दोनों बहनें बस से मेरठ आ रहीं थीं। मेरठ-मुजफ्फरनगर मार्ग पर टोल प्लाजा पर बस को रुकवा लिया गया। परिजन भी पुलिस के साथ थे। उन्होंने बेटियों को पहचान लिया। वह दोनों के मिलने से खुश हो गए। उन्होंने पुलिस का धन्यवाद दिया।