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वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट को सिरौली स्थित किशोर न्याय बोर्ड के अंदर एक नहीं बल्कि दो मॉनिटर लिज़र्ड (गोह)होने की जानकारी मिली। एक गोह को स्टाफ रूम में घुस गई, दूसरी शौचालय के अंदर। दोनों गोह को सुरक्षित रेस्क्यू करने के बाद वापस जंगल में छोड़ दिया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस हेल्पलाइन पर खंदारी स्थित जिला जेल परिसर के अंदर दीवार के छेद में सांप होने के बारे में फोन आया। टीम ने पुष्टि की कि वह सांप कॉमन क्रेट था। कॉमन क्रेट देश में पाए जाने वाले जहरीले सांपों की ‘बिग 4’ प्रजातियों में से एक है।
संकटग्रस्त सांप को रेस्क्यू करने में टीम को लगभग एक घंटे का समय लगा। इसके बाद टीम ने राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर और आगरा के कुकथला में एक सीमेंट के गोदाम से कोबरा सांप को पकड़ा। सभी जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि मानसून के दौरान रिहायशी इलाकों और बस्तियों में सांपों का दिखना एक आम बात है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भारी बारिश से सांपों के बिलों में पानी भर जाता है, जिसके कारण वे आश्रय लेने के लिए सूखे स्थानों की ओर बढ़ते हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी ने कहा कि मानसून के दौरान वाइल्डलाइफ एसओएस हेल्पलाइन पर सांपों से जुड़ी ऐसी बहुत सारी कॉल्स मिली हैं, जो असामान्य जगहों पर दिखाई दिए हैं। जैसे की कारखानों और कार्यालयों से लेकर जेल और रेलवे स्टेशन तक में सरीसृप जीव मिले हैं।
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