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बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की सोमवार को आगरा के विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए अर्जुन की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई। इस दौरान तत्कालीन जेलर कैलाश चंद की गवाही हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने गवाह से लंबी जिरह की। अब कोर्ट ने सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि तय की है।
मार्च 1999 में मुख्तार अंसारी केंद्रीय कारागार में निरुद्ध थे। तब तत्कालीन जिलाधिकारी और एसएसपी ने जेल में छापा मारा था। इस दौरान बैरकों को भी चेक किया था। मुख्तार अंसारी की बैरक में बुलेटप्रूफ जैकेट, मोबाइल और सिम बरामद किया गया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष जगदीशपुरा शिवशंकर शुक्ला ने मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमे में वादी और दूसरे गवाह रूपेंद्र गौड़ की गवाही हो चुकी है।
सोमवार को मुकदमे में दूसरे गवाह तत्कालीन डिप्टी जेलर कैलाश चंद का बयान हुआ। मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रवि अरोड़ा ने लंबी जिरह की। समय के अभाव के कारण जिरह पूरी नहीं हो सकी। विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि नियत की है। इसमें बचाव पक्ष के अधिवक्ता गवाह से आगे की जिरह करेंगे।
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