बर्फीली हवा से एक तरफ जनजीवन अस्तव्यस्त है, दूसरी तरफ रेल की पटरियां भी सर्दी से चटक रही हैं। आगरा में सोमवार सुबह चार से पांच बजे के बीच बिचपुरी के पास ट्रैक चटक गया। आनन-फानन रेल ट्रैक की मरम्मत की गई। जिसके बाद बयाना-बांदीकुई रेल मार्ग पर यातायात शुरू हुआ। जरा सी चूक ऐसे में हादसे का कारण बन सकती है।
आगरा रेल मंडल में करीब 500 किमी ट्रैक है। आगरा-दिल्ली से हावड़ा तक सबसे लंबी रेल लाइन है। इसके अलावा आगरा कैंट से भांडई, आगरा टूंडला-कानपुर और अन्य रेल मार्गों पर पिछले एक सप्ताह से पटरियां चटकने के मामले बढ़ गए हैं। पटरियों की निगरानी व जांच के लिए रेलवे ने टीमों को सक्रिय किया है। चटकी हुई पटरी से ट्रेन गुजरने पर हादसे की आशंका रहती है। ट्रेन का पहिया टूटे ट्रैक पर धंस सकता है। पारे में लगातार हो रही गिरावट से लोहे की पटरियों में तनाव बढ़ जाता है। तनाव और सिकुड़न से पटरियां चटकती हैं।
गति को लेकर बरत रहे सावधानी
आगरा रेल मंडल की वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्त ने बताया कि सर्दियों में पटरियों के ज्वाइंट खुल जाते हैं। यह पहले से हमारी जानकारी में है। इसलिए सेफ्टी ज्वाइंट लगाए हैं। सुरक्षित संचालन के लिए गति को लेकर सावधानी बरती जा रही है। इस तरह की कवायद पूरे संभाग में हो रही है।
सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा सोमवार
आगरा में सोमवार सीजन का सबसे सर्द दिन रिकॉर्ड किया गया। दिन में पारा महज 16.6 डिग्री रह गया, वहीं न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री पर आ गया। सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता शून्य रह गई। कोहरे के कारण आगरा-जयपुर हाइवे पर ट्रेलर और ट्रोला के बीच भिड़ंत हो गई, वहीं एक्सप्रेसवे पर वाहन धीमे चले। रेल यातायात भी कोहरे के कारण बुरी तरह से प्रभावित रहा। अवध एक्सप्रेस आठ घंटे लेट रहीं तो राजधानी समेत 16 ट्रेनें दो से तीन घंटे तक देरी से चलीं।
बर्फीली हवा से एक तरफ जनजीवन अस्तव्यस्त है, दूसरी तरफ रेल की पटरियां भी सर्दी से चटक रही हैं। आगरा में सोमवार सुबह चार से पांच बजे के बीच बिचपुरी के पास ट्रैक चटक गया। आनन-फानन रेल ट्रैक की मरम्मत की गई। जिसके बाद बयाना-बांदीकुई रेल मार्ग पर यातायात शुरू हुआ। जरा सी चूक ऐसे में हादसे का कारण बन सकती है।
आगरा रेल मंडल में करीब 500 किमी ट्रैक है। आगरा-दिल्ली से हावड़ा तक सबसे लंबी रेल लाइन है। इसके अलावा आगरा कैंट से भांडई, आगरा टूंडला-कानपुर और अन्य रेल मार्गों पर पिछले एक सप्ताह से पटरियां चटकने के मामले बढ़ गए हैं। पटरियों की निगरानी व जांच के लिए रेलवे ने टीमों को सक्रिय किया है। चटकी हुई पटरी से ट्रेन गुजरने पर हादसे की आशंका रहती है। ट्रेन का पहिया टूटे ट्रैक पर धंस सकता है। पारे में लगातार हो रही गिरावट से लोहे की पटरियों में तनाव बढ़ जाता है। तनाव और सिकुड़न से पटरियां चटकती हैं।
गति को लेकर बरत रहे सावधानी
आगरा रेल मंडल की वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्त ने बताया कि सर्दियों में पटरियों के ज्वाइंट खुल जाते हैं। यह पहले से हमारी जानकारी में है। इसलिए सेफ्टी ज्वाइंट लगाए हैं। सुरक्षित संचालन के लिए गति को लेकर सावधानी बरती जा रही है। इस तरह की कवायद पूरे संभाग में हो रही है।