Aligarh News: मां-बाप को कैंची से मारते हुए वीडियो में दिखा सिरप, छोड़ रहा कई सवाल

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Syrup seen in video killing parents with scissors

बाप, मां और हत्यारोपी बेटा
– फोटो : फाइल फोटो

विस्तार

अलीगढ़ महानगर के जाकिर नगर में बेटे द्वारा माता-पिता के कत्ल का लाइव वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को जब गौर से देखा गया तो इसमें जंगले में एक कफ सिरप रखा है, जिसे नशे के लिए युवा जमकर प्रयोग कर रहे हैं। हालांकि इस बात की तस्दीक नहीं हो सकी है कि वह सिरप किस प्रयोग के लिए रखा था। मगर वह सिरप कुछ इशारा कर रहा है। क्योंकि घटना के बाद पुलिस अधिकारियों के सामने भी सपा नेता ने इलाके में नशा उत्पाद बिक्री का जबरदस्त मुद्दा उठाया था।

ये घटना जाकिर नगर में हुई। जहां एक बेटे ने अपने माता-पिता की सिर्फ इस संदेह में हत्या कर दी कि वे उसकी हत्या करना चाहते हैं। मन में संदेह पाले युवक ने उन्हें कैंची से बेरहमी से गोद दिया। इस कत्ल की सनसनीखेज वारदात का एक लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। 

चारों ओर वायरल हो रहे इस वीडियो को देख अब उस कफ सिरप के प्रति लोग सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि इसे नशे के लिए युवा प्रयोग में लाते हैं, इसलिए बाजार के जानकार बताते हैं कि इस कप सिरप की बिक्री को लेकर शासन का नियम है। एक तो उसे 100 शीशी से ज्यादा अपने स्टॉक में नहीं रख सकते। उसकी खरीद बिक्री का स्टॉक रिकार्ड रखना होगा और बिना डॉक्टर के वैध पर्चे पर उसे नहीं बेचा जा सकेगा। हालांकि शासन के इस आदेश के खिलाफ दवा वितरक हाईकोर्ट गए और इस आदेश पर स्थगनादेश मिला। मगर बावजूद इसके बाजार में प्रमुख दवा विक्रेता इसे आज भी बिना डॉक्टर के पर्चे पर नहीं देते। 

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गली मोहल्ले की दवा की दुकानों पर इसे युवा धड़ल्ले से खरीदकर प्रयोग करते हैं। ऐसे में इस सिरप का उस घर में रखा होना सवाल खड़े कर रहा है।  जिस दिन घटना हुई थी, उस दिन मौके पर आए सपा नेताओं ने पुलिस के सामने यह विषय उठाया था। कहा था कि इलाके में नशे के उत्पाद जमकर बिक रहे हैं। उस समय पुलिस ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया। मगर अब बात सुर्खियों में है।

ये तो साफ है कि जब तक डॉक्टर का वैध पर्चा न हो, तब तक दवा नहीं दी जानी चाहिए। कुछ दवाएं ऐसी हैं, जिनका प्रयोग लोग गलत तरीके से करते हैं। इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। -शैलेंद्र सिंह टिल्लू, अध्यक्ष दवा एसोसिएशन

दवाएं डॉक्टर की सलाह पर दी जानी चाहिए। कुछ दवाओं को लेकर शासन स्तर से मानक तय किए गए थे, मगर उस पर हाईकोर्ट ने स्थगनादेश दे दिया है। फिर भी दवा विक्रेताओं को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। -हेमेंद्र चौधरी, औषधि अधिकारी

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