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जाम लगातीं महिलाएं छोटे बच्चों को लेकर
– फोटो : रूपेश कुमार
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अलीगढ़ महानगर से सटे महुआखेड़ा के रामघाट रोड स्थित गांव तालसपुर के बाहर शव रखकर मंगलवार देर शाम जाम लगाया गया। इस घटना के बाद पूरे रामघाट रोड पर जो हाहाकार मचा, उसे देख खुद पुलिस के पसीने छूट गए। किसी तरह प्रयास कर समझा-बुझाकर जाम खुलवाया गया। परिवार को मुआवजा व गिरफ्तारी का भरोसा दिलवाया गया। तब जाकर शव को हटवाया गया और जाम खुला। देर रात पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी थी।
हुआ यूं कि मूल रूप से अतरौली के गांव महमूदपुर के धर्मपाल लंबे समय से महुआखेड़ा के रामघाट रोड स्थित गांव तालसपुर में किराये पर रहते हैं। उनका 13 वर्षीय बेटा ललित 12 मई को गांव के बाहर एक खेत में आयोजित क्रिकेट मैच देखने गया था। वहां एक बाउंड्री पर खड़े होकर मैच देख रहा था। तभी उसका सिर विद्युत लाइन से टकरा गया और करंट की चपेट में आने से वहीं गिर गया। खबर पर आए परिजन उसे जेएन मेडिकल कालेज लेकर गए। वहां से उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया। सोमवार को किशोर की मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजन दिल्ली से यहां ले आए।
इसके बाद शाम को शव यहां आने पर रामघाट रोड पर गांव तालसपुर के बाहर शव रखकर जाम लगा दिया। इस दौरान दो घंटे तक जाम लगा रहा और रामघाट रोड पर क्वार्सी व हरदुआगंज की ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। इस सूचना पर महुआखेड़ा, क्वार्सी और हरदुआगंज पुलिस मौके पहुंची। बातचीत में परिवार की ओर से लापरवाह विद्युत अधिकारियों की गिरफ्तारी व 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग रखी। कोई दोपहिया वाहन चालक अगर निकलने का प्रयास करता तो उससे अभद्रता तक की गई। पुलिस से भी तीखी नोकझोंक हुई।
किसी तरह दो घंटे के प्रयास के बाद लोगों को समझाकर शांत किया गया। मुआवजा व गिरफ्तारी का भरोसा दिलाकर जाम खुलवाया गया। कहा गया कि जो अधिकारी या कर्मचारी दोषी हैं, उनको जांच का हिस्सा बनाया जाएगा। तब जाकर जाम खुला। इसके बाद पुलिस मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया और यातायात भी सुचारू हो सका। इस मामले में सीओ-2 व एएसपी पुनीत द्विवेदी ने बताया कि परिवार को समझाया गया है। जाम खुलने के बाद पुलिस ने इस मामले में अपना काम शुरू कर दिया है।
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