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दो हजार रुपये का प्रतीकात्मक नोट
– फोटो : social media
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सात साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक 500 एवं 1000 के नोटों की नोटबंदी करने के फैसले की यादें शुक्रवार को एक बार फिर से ताजा हो उठीं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 2000 के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला लिया है। नवंबर 2016 में नोटबंदी के दौरान 500 एवं 1000 के नोट बंद किए गए थे। तब बदले में 500 एवं 2000 का नए नोट जारी किए गए थे, जबकि 2019 में आरबीआई ने 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 2000 के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला लिया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि आरबीआई द्वारा छापे गए नोटों में से भारी संख्या में नोट गायब हैं जिसे ब्लैक मनी के रूप में माना जा रहा है। इतना ही नहीं बैंकों को 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 के नोट को बदलने का निर्देश भी जारी किया है। इस दौरान बैंक उपभोक्ता एक बार में अधिकतम 10 नोट यानि 20 हजार रुपये ही बदल सकेंगे। सरकारी फरमान के बाद जिले भर में कारोबारियों, व्यापारियों एवं आमजन में इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं तो कुछ को नोटों को बदलने की चिंता भी सताने लगी है, क्योंकि पिछली बार नोट बंदी के दौरान लोगों को नोट बदलने के लिए कई-कई दिनों तक बैंकों में जाकर लाइनों में लगना पड़ा था। संभावना है कि शनिवार से ही बैंक शाखाओं के काउंटरों पर उपभोक्ताओं की लाइनें लगनी शुरू हो जाएंगी। इसके लिए शाखा प्रबंधकों के स्तर से गाइड लाइन मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
उपभोक्ताओं को नोट बदलने को मिलेगा पूरा समय
आरबीआई ने 2000 के नोट को चलन से वापस लेने के बाद यह भी स्पष्ट किया है कि उपभोक्ता 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक किसी भी बैंक की शाखा में 2000 रुपये के नोट को बदल सकेंगे। एक बार में 2000 हजार के दस यानी 20 हजार रुपये ही बदल सकेंगे, या फिर बैंक में जमा कर सकेंगे।
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