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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 02 Apr 2022 10:50 PM IST
सार
मामले में याची व उनके साथियों पर एटा के कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई। एक महिला ने साक्षी महाराज व साथियों पर गार्ड सहित मेडिकल क्लीनिक से उसका अपहरण कर सामूहिक दुराचार का आरोप लगाया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी सच्चिदानंद हर साक्षी और अन्य आरोपियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने महिला का अपहरण कर नौ दिन साथियों सहित दुराचार के आरोप से मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही आरोप मुक्त करने के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शमीम अहमद की पीठ कर रही थी।
मामले में याची व उनके साथियों पर एटा के कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई। एक महिला ने साक्षी महाराज व साथियों पर गार्ड सहित मेडिकल क्लीनिक से उसका अपहरण कर सामूहिक दुराचार का आरोप लगाया। उदयपुर आश्रम में उस पर हमला किया गया। लगातार नौ दिन दुराचार के बाद इकरारनामे पर हस्ताक्षर कराए। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। साक्षी मराहाज व अन्य ने आरोप मुक्त करने की अर्जी दी। कहा कि झूठा फंसाया गया है। पीड़िता ने भी हलफनामा दाखिल कर अपने कोर्ट में दिए गए बयान को सही नहीं माना।
विवेचना में आरोपों की नहीं हुई पुष्टि
विवेचना में आरोप सही नहीं पाये गये। विशेष अदालत एटा ने सभी को आरोप मुक्त घोषित कर दिया। 26 नवंबर 2001 को पारित इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सरकारी वकील का कहना था कि पीड़िता का हलफनामा उसके बयान का विरोधाभासी है। संभव है दबाव डालकर हलफनामा दिया गया हो। अधीनस्थ अदालत ने साक्ष्यों पर सही ढंग से विचार नहीं किया। हलफनामे पर भरोसा कर आरोप मुक्त कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि दुराचार के आरोप पर मेडिकल जांच का साक्ष्य नहीं है। जिनकी क्लीनिक से अपहरण किया गया बताया गया है उस डाक्टर नत्थू सिंह बघेल ने ऐसी घटना से इनकार किया है।
किसी चश्मदीद गवाह ने साक्षी का नाम नहीं लिया है, जबकि आरोप साक्षी पर अपने साथियों के साथ अपहरण व सामूहिक दुराचार करने का है। सीओ की जांच में आरोप सही नहीं पाये गए। कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है। मामला एटा जिले के कोतवाली नगर का मामला है। जिला न्यायालय ने आरोपों से बरी कर दिया था।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी सच्चिदानंद हर साक्षी और अन्य आरोपियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने महिला का अपहरण कर नौ दिन साथियों सहित दुराचार के आरोप से मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही आरोप मुक्त करने के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शमीम अहमद की पीठ कर रही थी।
मामले में याची व उनके साथियों पर एटा के कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई। एक महिला ने साक्षी महाराज व साथियों पर गार्ड सहित मेडिकल क्लीनिक से उसका अपहरण कर सामूहिक दुराचार का आरोप लगाया। उदयपुर आश्रम में उस पर हमला किया गया। लगातार नौ दिन दुराचार के बाद इकरारनामे पर हस्ताक्षर कराए। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। साक्षी मराहाज व अन्य ने आरोप मुक्त करने की अर्जी दी। कहा कि झूठा फंसाया गया है। पीड़िता ने भी हलफनामा दाखिल कर अपने कोर्ट में दिए गए बयान को सही नहीं माना।
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