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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 07 Feb 2022 07:32 PM IST
सार
कार्तिक चौधरी ने कहा कि उसकी पत्नी खैर विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रत्याशी है। इस वजह से राजनीतिक कारणों से उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के खैर विधान सभा सीट से बसपा प्रत्याशी चारू केन के पति कार्तिक चौधरी को राहत देने से इन्कार कर दिया है और उसकी याचिका खारिज कर दी है। कार्तिक चौधरी को मंडलायुक्त अलीगढ़ ने एक जनवरी 2022 के आदेश से जिला बदर कर दिया है। प्रत्याशी पति ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
मामले में याची की ओर से दाखिल याचिका में राजनीतिक कारणों से उसे परेशान किए जा रहा है। इसी आधार पर उसने जल्दी सुनवाई की प्रार्थना की थी। इसी को देखते हुए न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ रविवार को सुनवाई की।
कार्तिक चौधरी ने कहा कि उसकी पत्नी खैर विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रत्याशी है। इस वजह से राजनीतिक कारणों से उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
राजनीतिक कारणों से परेशान करने का आरोप
याची को जिला बदर करने का आदेश दिया गया, जिसे उसने मंडलायुक्त के समक्ष अपील दाखिल कर चुनौती दी थी। साथ ही आदेश पर रोक लगाने की अर्जी दाखिल करते हुए अंतरिम राहत दिए जाने की मांग की थी। मंडलायुक्त ने उसकी अर्जी खारिज करते हुए अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है।
पीठ के समक्ष याची का कहना था कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और कभी किसी मामले में सजा नहीं मिली है मात्र राजनीतिक कारण से उसको परेशान किया जा रहा है। यह भी कहा गया कि एक बार आदेश के खिलाफ अपील दाखिल कर दी गई तो याची को अंतरिम राहत मिलनी चाहिए। उसने 15 दिन या 10 दिन अंतरिम राहत की मांग की थी ताकि अपनी पत्नी के चुनाव में भाग ले सके और प्रचार कर सके।
पीठ ने कहा कि याची की अपील अभी कमिश्नर के समक्ष लंबित है इसलिए प्रकरण में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मात्र पत्नी के विधान सभा चुनाव लडऩे के आधार पर राहत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के खैर विधान सभा सीट से बसपा प्रत्याशी चारू केन के पति कार्तिक चौधरी को राहत देने से इन्कार कर दिया है और उसकी याचिका खारिज कर दी है। कार्तिक चौधरी को मंडलायुक्त अलीगढ़ ने एक जनवरी 2022 के आदेश से जिला बदर कर दिया है। प्रत्याशी पति ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
मामले में याची की ओर से दाखिल याचिका में राजनीतिक कारणों से उसे परेशान किए जा रहा है। इसी आधार पर उसने जल्दी सुनवाई की प्रार्थना की थी। इसी को देखते हुए न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ रविवार को सुनवाई की।
कार्तिक चौधरी ने कहा कि उसकी पत्नी खैर विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रत्याशी है। इस वजह से राजनीतिक कारणों से उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
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