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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 21 May 2022 12:38 AM IST
सार
बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन श्रीश कुमार मल्होत्रा ने बताया कि विरोध दिवस पूरे प्रदेश में मनाया गया। इस संदर्भ में कौंसिल के पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक भी हुई, जिसमें 22 मई को होने वाली विशेष बैठक के बारे में चर्चा की गई।
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विस्तार
अपर मुख्य सचिव और विशेष सचिव की ओर से जारी आदेश पत्र में अधिवक्ताओं के लिए प्रयुक्त शब्दावली से भड़के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को विरोध दिवस मनाया। प्रदेश की जिला अदालतों के साथ हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया और इसके साथ ही प्रदेश सरकार से दोनों सचिवों को ओर से जारी आदेश पत्रों को वापस लेने की मांग की।
बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन श्रीश कुमार मल्होत्रा ने बताया कि विरोध दिवस पूरे प्रदेश में मनाया गया। इस संदर्भ में कौंसिल के पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक भी हुई, जिसमें 22 मई को होने वाली विशेष बैठक के बारे में चर्चा की गई। कहा गया कि सचिवों की ओर से जारी यह पत्र अधिवक्ताओं का अपमान है। इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उधर, हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में आदेश पत्र को लेकर आक्रोश देखा गया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव एसडी सिंह जादौन ने कहा कि विरोध जताने के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांधे रखी। प्रकरण को लेकर बार के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सरकार के इस प्रकार के व्यवहार की कड़ी निंदा की गई। चेतावनी दी गई कि सरकार आगे इस तरह के कोई आदेश जारी नहीं करेगी, जिससे अधिवक्ता अपमानित हों। इसी क्रम में जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं ने भी विरोध दिवस के रूप में दिन भर कार्य बहिष्कार किया।
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