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गोताखोरों की मदद से तलाशी अभियान
– फोटो : amar ujala
विस्तार
सरयू नदी के बिड़हर घाट पर बुधवार को सैर करने के दौरान बीच धारा में नाव पलट गई। नदी में डूबे 12 लोगों को तो बचा लिया गया लेकिन से 8 वर्षीय बालिका समेत दो किशोरी पानी में बह गईं। स्थानीय गोताखोरों के बाद एसडीआरएफ की टीम ने पहुंचकर नदी में तलाशी अभियान चलाया लेकिन देर शाम तक कुछ पता नहीं चल सका। अब बृहस्पतिवार को फिर से तलाशी अभियान चलेगा। एडीएम डॉ. सदानंद गुप्त भी वहां पहुंचे और जायजा लिया।
थाना क्षेत्र जहांगीरगंज का बिड़हर घाट बुधवार को बड़े हादसे का गवाह बन गया। यहां सुबह तक तो सब कुछ ठीक-ठाक था लेकिन 10 बजे के बाद यहां मंजर बदल गया। बिड़हर घाट निवासी इसरार के पुत्र की शादी के बाद बुधवार को दावतेवलीमा था। बड़ी संख्या में रिश्तेदार पहुंचे। सुबह 10 बजे करीब युवाओं व बच्चों की टीम थोड़ी दूर पर बह रही सरयू नदी की तरफ टहलने निकल पड़े। यहां नदी के किनारे नाव चलती देखकर उन लोगों ने भी नदी में सैर करने का मन बना लिया।
इसके बाद जब नाव नदी की धारा की तरफ बढ़ी तो कुछ दूर जाने के बाद ही पलट गई। नाव चला रहा किशोर तो कूद कर बच गया लेकिन 15 युवक, किशोर, किशोरी व बच्चे पानी में डूब गए। इसी बीच वहां पहुंचे परिजन व स्थानीय लोगों ने नदी में कूदकर 12 लोगों की जान बचा ली लेकिन जहांगीरगंज के नेवारी दुराजपुर निवासी सईद की पुत्री गुलजार (13), टांडा कोतवाली के रसूलपुर निवासी महमूद की पुत्री नेदा (8) तथा टांडा के ही फूलपुर निवासी सलीम की पुत्री सालिहा (13) डूब गई। मौके पर पहुुंचे एसओ जहांगीरगंज प्रदीप सिंह ने बस्ती जिले से तीन गोताखोरों को बुलाकर तलाशी अभियान शुरू कराया। इसी बीच एसडीएम सौरभ शुक्ल, सीओ आरपी सिंह भी पहुंच गए। हालत गंभीर देखते हुए एडीएम डॉ. सदानंद गुप्त भी वहां पहुंचे। अधिकारियों ने एसडीआरएफ टीम को बुलाने का फैसला लिया। इसके बाद गोरखपुर से पहुंची एसडीआरएफ टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया लेकिन देर शाम तक कुछ पता नहीं चल सका।
देवदूत बन गए चार युवा
बिड़हर घाट पर बुधवार को दिलदहलाने वाली घटना हुई तो वहां मौजूद लोगों में चार युवा डूब रहे लोगों में 11 लोगों के लिए देवदूत बन गए। उनके धैर्य व साहस ने उन लोगों को नई जिंदगी देने में अहम भूमिका निभाई। बिड़हर निवासी लालचंद्र, अंगद निषाद, राकेश कुमार व पवन कुमार की बहादुरी की हर कोई तारीफ कर रहा था। नदी की बीच धारा में पलटती नाव को देखकर किनारे पर मौजूद लोग जहां मदद करने में खुद को असहाय पा रहे थे। वहीं इन चार युवाओं ने जोखिम उठाकर नदी में डूब रहे लोगों को एक-एक कर बचा लिया। युवाओं की बहादुरी ने 12 जिंदगी को मौत के मुहाने से बाहर निकाल लिया।
दोबारा मिली जिंदगी
नाव पलटने से मुस्कान (16) निवासी राजेसुल्तानपुर, इंतजार (20) निवासी बिड़हर खास, आयशा (15) व आस्फा (17) निवासी भूलेपुर, हंसवर, सबा (15) निवासी भूलेपुर, हंसवर, खुशबू (15) निवासी बिड़हर, रोजी (16) निवासी बिड़हर, सना (12) निवासी उधरनपुर, जहांगीरगंज, पप्पू (22) निवासी टांडा, आसिफ (12) निवासी बिड़हर, गुफरान (22) निवासी बिड़हर भी डूब गए थे। हालांकि इन सभी की किस्मत अच्छी रही जो इन्हें लोगों ने बचा लिया।
जबरन सैर कराने की जिद पड़ी भारी
सरयू नदी में नाव से सैर करने की जिद लोगों पर भारी पड़ गई। बताया जाता है कि बिड़हर निवासी इसरार अहमद के पुत्र की शादी में पहुंचे रिश्तेदार बुधवार को बगल से बह रही सरयू नदी पर सैर करने पहुंच गए। वहां घाट पर अंकुर (13) व रवि (12) एक नाव में बैठकर नदी में किनारे घूम रहे थे। इस बीच पहुंचे यह लोग अंकुर व रवि से नाव पर बिठाकर नदी की सैर कराने की जिद करने लगे। दोनों किशोरों ने नाव पर बैठाने से मना कर दिया। लेकिन वह लोग नाव किनारे लाकर बैठने की जिद पद अड़ गए तो अंकुर नाव से उतर कर उनके परिजनों को बताने चला गया। इसके बाद कुल 15 लोग नाव में सवार हो गए। रवि नाव लेकर नदी की तरफ बढ़ने लगा। नदी की बीच धारा में पहुंचने पर नाव अनियंत्रित होने लगी। इससे नाव चला रहा रवि घबरा गया। उसने नाव से नदी में छलांग लगा दी और तैरकर नदी के पार हो गया। इसके बाद नाव नदी में पलट गई।
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टूट चुकी थी बचने की उम्मीद
बिड़हर निवासी इंतजार अहमद (20) भी नाव पटलने से डूब गए थे। बताया कि नाव पर सवार हुए कुछ पल बीते थे कि सभी उत्साहित थे। अचानक नाव डगमगाने लगी। पानी की बीच धारा में नाव अनियंत्रित होते ही सभी घबरा गए। जहां लोग खुश थे वहां चीख-पुकार मच गई। जब तक हम लोग कुछ समझ पाते तब तक नाव पलट गई और हम लोग नदी में डूबने लगे। पानी की तेज उफान के बीच जीवित बचने की उम्मीद टूट गई थी। जिन लोगों ने मुझे बचाया मैं जीवन भर उनका शुक्रगुजार रहूंगा।
पल भर में बिखर गई परिवार की खुशियां
बिड़हर निवासी इसरार अहमद के घर पिछले कई दिनों से उल्लास व खुशियों का माहौल चल रहा था। पुत्र रियाज की शादी से परिवार में काफी खुशियां थी। सभी रिश्तेदार भी जुटे थे। एक दिन पहले मंगलवार को बरात भी हंसी खुशी लौटी थी। परिवार में नई बहू आने से खुशियां दोगुनी थीं। बुधवार को वलीमा की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही थी। सुबह करीब 10 बजे थे सारी खुशियां बिखर गईं। चल रही तैयारियां ठप पड़ गईं। पूरे गांव में मातम पसर गया।
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