Ateeq Ahmad : 30 साल में बनाया साम्राज्य तीन साल में ध्वस्त, अब तक दर्ज हो चुके हैं 104 मुकदमे

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अतीक अहमद ने जिस साम्राज्य को 30 साल में खड़ा किया, उसे योगी सरकार ने तीन साल में ध्वस्त कर दिया। 1990 में अपराध जगत में कदम रखने वाला अतीक 30 साल में ही 100 से ज्यादा आपराधिक केसों में नामजद होकर बाहुबली बन गया। हालांकि 2020 में सरकार ने माफिया के खिलाफ चले अभियान में तीन साल के भीतर ही उसके साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया। तीन साल में 1000 करोड़ की चोट देकर सरकार ने माफिया की कमर तोड़ दी है। 

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अतीक पर सबसे पहले मुकदमा 1990 में हुआ। यह धूूमनगंज में हुई मारपीट, गालीगलौज व धमकी देने की घटना से संबंधित था। तब से लेकर अब तक उसके खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। अतीक पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती समेत तमाम धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। 2020 में शासन ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले उसके रिश्तेदार इमरान जई के कब्जे वाली सिविल लाइंस स्थित मद्रास होटल वाली बिल्डिंग को ध्वस्त किया गया। 

इसके बाद एक के बाद एक 40 से ज्यादा कार्रवाई अतीक और उसके गैंग के लोगों पर हुई। इनमें अतीक के कसारी मसारी स्थित पैतृक मकान और चकिया स्थित कार्यालय के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शामिल है। इस दौरान न सिर्फ बुलडोजर चलवाकर अवैध निर्माण ढहाए गए, बल्कि करोड़ों रुपये की जमीन गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क भी की गई। पिछले पांच सालों से ज्यादा समय से अतीक जेल में है। उसके दो बेटे व भाई भी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। 

माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान के क्रम में यह कार्रवाई की गई है। उसके सहयोगियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों का भी पता लगाया जा रहा है। – शैलेश कुमार पांडेय, एसएसपी

साबरमती जेल में बंद है माफिया अतीक
अतीक अहमद इस समय गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। अतीक अहमद के खिलाफ प्रयागराज के थानों में 96 मुकदमे दर्ज हैं। धूमनगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी के तहत अलग-अलग जिलों में स्थित उसकी बेनामी संपत्तियों को चिह्नित कर कुर्क किया जा रहा है। अतीक के खिलाफ कृ़ष्णानगर के प्रॉपर्टी कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में बंधक बनाकर पीटने व करोड़ाें की संपत्ति लिखवाने का केस दर्ज था। इस मामले में अतीक के बेटे व उसकी पत्नी भी आरोपी है।

पिछले कुछ दिनों में ही दी एक हजार करोड़ की चोट
प्रदेश सरकार ने माफियाओं पर शिकंजा कसने का विशेष अभियान चलाया। इसके तहत अवैध रुप से हासिल की संपत्तियों को चिह्नित कर जब्त करने की कार्रवाई शुरू की है। इस मामले में प्रदेश के दो माफियाओं अतीक अहमद और पूर्व विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी की करीब 1500 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इसमें एक हजार करोड़ की संपत्ति अतीक अहमद की है। पिछले कुछ दिनों में 100 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। जबकि मुख्तार की अब तक करीब 500 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

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लखनऊ बंगले के पते में भी फर्जीवाड़ा
अतीक अहमद के लखनऊ बंगले में पते में भी फर्जीवाड़ा है। बंगले पर मकान नंबर 83ए ए ब्लॉक लिखा है। पुलिस ने रजिस्ट्री कार्यालय में जो जानकारी जुटाई है उसमें मकान नंबर 537 एफ /166 लिखा है। फैजुल्लागंज के इंद्रापुरी में स्थित अतीक की पत्नी शाईस्ता परवीन के नाम से दर्ज इस बंगले के पते में काफी फर्जीवाड़ा है। बंगला इंद्रापुरी में है। जबकि पुलिस के पास जो पता है उसमें फैजुल्लागंज के शेरवानीनगर दर्ज है। बंगला करीब 8600 वर्गफीट में बना है। जिसकी कीमत करीब 8 करोड़ रुपये हैं। एसपी क्राइम प्रयागराज सतीश चंद्र के मुताबिक पते में अंतर दिखाई दे रहा है। इसकी जांच कराई जाएगी। जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सुपुर्द करेंगे। इसके बाद केस भी दर्ज किया जाएगा।

अतीक अहमद की बेटे अली की जमानत अर्जी खारिज
जिला अदालत ने पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे अली उर्फ  अली अहमद की जमानत अर्जी खारिज कर दी है । अपर जिला न्यायाधीश रत्नेश कुमार श्रीवास्तव ने यह आदेश सरकारी अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और अखिलेश सिंह बिसेन और आरोपी के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद दिया। जीशान ने प्राथमिकी दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि 31 दिसंबर 21 को जब वह अपने मकान पर बैठा था तभी अली ने साथियों के साथ तीन गाड़ियों से आकर उसे घेर लिया। उसकी कनपटी पर रिवॉल्वर सटाकर पांच करोड़ की रंगदारी की मांग की। उसके ऑफिस को जेसीबी से तोड़ कर कई फायर किए। (ब्यूरो)

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अतीक अहमद ने जिस साम्राज्य को 30 साल में खड़ा किया, उसे योगी सरकार ने तीन साल में ध्वस्त कर दिया। 1990 में अपराध जगत में कदम रखने वाला अतीक 30 साल में ही 100 से ज्यादा आपराधिक केसों में नामजद होकर बाहुबली बन गया। हालांकि 2020 में सरकार ने माफिया के खिलाफ चले अभियान में तीन साल के भीतर ही उसके साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया। तीन साल में 1000 करोड़ की चोट देकर सरकार ने माफिया की कमर तोड़ दी है। 

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अतीक पर सबसे पहले मुकदमा 1990 में हुआ। यह धूूमनगंज में हुई मारपीट, गालीगलौज व धमकी देने की घटना से संबंधित था। तब से लेकर अब तक उसके खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। अतीक पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती समेत तमाम धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। 2020 में शासन ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले उसके रिश्तेदार इमरान जई के कब्जे वाली सिविल लाइंस स्थित मद्रास होटल वाली बिल्डिंग को ध्वस्त किया गया। 

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