सात महीने तक पुलिस को छकाने के बाद बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे अली अहमद ने शनिवार को सरेंडर कर दिया। जिसकी तलाश में पुलिस कोलकाता और बिहार में दबिश दे रही थी और छापे मार रही थी वह प्रयागराज में ही मिला। अली अहमद विधानसभा चुनाव 2022 के पहले एआईएमआईएम की सभा में मंच से योगी सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद चर्चा में आया था।
हालांकि उसके ऊपर शिकंजा पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने की शिकायत मिलने के बाद कसना शुरू हुआ। आरोप है कि अली अहमद ने अपने ही रिश्तेदार जीशान अहमद के दफ्तर को बुलडोजर से ढहवा दिया और उससे पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। इस मामले में उसके ऊपर मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने जब छापेमारी की तो वह भूमिगत हो गया। उसके बाद वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। पुलिस ने उसकी तलाश में यूपी से लेकर गैर प्रांत तक संभावित स्थानों पर दबिश दी लेकिन यह हाथ नहीं लगा। अंतत : इसने खुद सरेंडर किया।
बता दें कि बाहुबली अतीक अहमद के बेटे अली अहमद ने शनिवार को जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। वह पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में सात महीनों से फरार चल रहा था। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था। रिमांड मंजूर होने पर उसे जेल भेज दिया गया।
अली अतीक अहमद का दूसरे नंबर का बेटा है। उस पर पिछले साल 31 दिसंबर को करेली के प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू ने पांच करोड़ की रंगदारी मांगने, हत्या का प्रयास समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। वह तब से फरार चल रहा था। जिस पर पुलिस ने पहले उस पर 25 और फिर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। मुकदमे में अपनी नामजदगी को चुनौती देते हुए उसने हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी लेकिन उसे राहत नहीं मिली।
कोर्ट ने अली को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
शनिवार दोपहर एक बजे के करीब वह अपने अधिवक्ताओं के साथ कोर्ट में पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान उसके अधिवक्ताओं की ओर से जमानत अर्जी दी गई लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। साथ ही रिमांड मंजूर करते हुए उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे केंद्रीय कारागार नैनी में दाखिल करा दिया। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि अली को जेल भेज दिया गया है। जबकि मामले में फरार चल रहे अन्य अभियुक्तों की तलाश जारी है।
क्या था मामला
- बुलडोजर चलाकर कार्यालय ढहाने, रंगदारी मांगने व हमला करने के आरोप में अली, अतीक समेत नौ नामजद व 10 अज्ञात पर दर्ज हुआ था केस।
- दो आरोपी सैफ, फहद मौके से पकड़े गए, जबकि प्रकाश में आया अभियुक्त फुल्लू कोर्ट में सरेंडर कर चला गया था जेल
- दो नामजद आरोपियों संजय सिंह व इमरान को मिली है अग्रिम जमानत।
- तीन नामजद आरोपी मो. असद, आरिफ उर्फ कछौली व अमन और तालिब अब भी हैं फरार, सभी पर घोषित है 25 हजार का इनाम।
जितना इनाम, उससे तीन गुना ज्यादा खर्च
अली पर जितना इनाम घोषित था, उसे पकड़ने में उससे तीन गुना ज्यादा रकम पुलिस ने खर्च कर दी। उसकी तलाश में शहर के अलग-अलग इलाकों के अलावा मेरठ, दिल्ली, बरेली, प्रतापगढ़ व कौशाम्बी में दबिश दी गई। दूरी के हिसाब से देखें तो पुलिस ने चार हजार किमी से ज्यादा का सफर किया। इस तरह 50 हजार के इनामी को पकड़ने में 1.5 लाख से ज्यादा खर्च कर दिए। लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं।