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प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या
– फोटो : अमर उजाला।
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प्रयागराज के धूमनगंज थाने में हुई घटना से साफ हो गया है कि अशरफ को अपने हश्र का अंदाजा पहले से था। शायद तभी उसने पिछली पेशी पर बरेली लौटते ही जेल गेट पर पत्रकारों से दो सप्ताह बाद अपनी मौत का अंदेशा जता दिया था। दो दिन बाद आई उसकी बहन आयशा ने भी इसी बात को आगे बढ़ाया था। अब अशरफ की इतने ही वक्त में हत्या के बाद कई तरह की बातें लोगों की जुबां पर हैं।
28 मार्च को अशरफ ने यह कहा था
28 मार्च को प्रयागराज में पेशी के बाद अशरफ को बरेली लाया गया था। वहां जेल गेट पर उसने पत्रकारों से कहा था कि एक बड़े अधिकारी ने उसे धमकी दी है कि दो सप्ताह बाद जेल से निकालकर निपटा दिए जाओगे। पत्रकारों ने जब अधिकारी का नाम पूछा तो अशरफ का जवाब था कि वह फिलहाल अफसर का नाम नहीं बताएगा पर उसके साथ कोई घटना होगी तो अफसर का नाम लिखा बंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व सीएम के पास पहुंच जाएगा।
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