टोकियो। चीन से बढ़ते खतरे के बीच उसे सबक सिखाने के लिए जापान और अमेरिका के बीच बड़ी सैन्य डील हुई है। इसके तहत दोनों देश अब मिलकर चीन की हरकतों का जवाब देंगे। जापान और अमेरिका के रक्षा प्रमुख और शीर्ष राजनयिकों ने चीन से बढ़ते खतरे के बीच अपने सैन्य सहयोग को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से रविवार को टोकियो में एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी सेना के कमान और नियंत्रण को अद्यतन करने और जापान में अमेरिका से लाइसेंस प्राप्त मिसाइल का उत्पादन बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
जापान-अमेरिका सुरक्षा परामर्श समिति की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अपने जापानी समकक्षों योको कामिकावा और मिनोरू किहारा से “2़2” सुरक्षा वार्ता की। बैठक में इस वर्ष नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से जो बाइडन के अपना नाम वापस लेने के बाद गठबंधन को जारी रखने पर भी सहमति जताई गयी। कामिकावा ने कहा, “हम इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, क्योंकि नियम-आधारित, स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पूरी तरह से हिल चुकी है।” उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा महत्वपूर्ण दौर है, जब हमारा आज का फैसला हमारे भविष्य को निर्धारित करेगा।”
वहीं ऑस्टिन ने कहा कि चीन अपना दबदबा बढ़ाने में लगा हुआ है और पूर्वी व दक्षिण चीन सागर, ताइवान के आसपास और पूरे क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की कोशिश में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम और रूस के साथ उसका गहराता सहयोग ‘क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है’। ऑस्टिन ने कहा कि मंत्रियों ने अमेरिकी बलों सहित दोनों देशों के कमान व नियंत्रण संरचनाओं को आधुनिक बनाने के ऐतिहासिक प्रयासों पर चर्चा करने की योजना बनाई है। बैठक में मार्च के महीने में एकीकृत कमान बनाने के जापान के जारी प्रयासों के साथ-साथ अमेरिकी कमान और नियंत्रण प्रणाली को उन्नत बनाने पर भी चर्चा हुई।