Exclusive: अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर में बिना बारूद के बनेंगे उत्पाद, गैस भंडार के पास बारूद पर आईओसीएल ने की मना

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सांकेतिक तस्वीर

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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डिफेंस कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड में बिना बारूद के ही आयुध-रक्षा उत्पाद बन सकेंगे। अंडला में बनाए जा रहे डिफेंस कॉरिडोर के पास ही इंडियन ऑयल का गैस रिफलिंग प्लांट है। जिसमें घरेलू और व्यावसायिक दोनों सिंलिडर भरे जाते हैं। इसलिए यह पहले से तय था कि यहां सिर्फ छोटे हथियार और कलपुर्जे बनेंगे। अब आईओसीएल से पूरी आधिकारिक जानकारी लेने के बाद उद्योग विभाग ने तस्वीर साफ कर दी है। 

इस संबंध में आईओसीएल के पत्र का उल्लेख करते हुए उद्योग विभाग ने सभी निवेशकों को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वहां पर बिना बारूद के ही रक्षा उपकरण बना सकते हैं। ये स्पष्ट होने के बाद अब वहां पर इकाइयों की स्थापना में तेजी आ सकेगी। उद्योग विभाग ने निवेशकों से जल्द ही अपनी इकाइयों का निर्माण शुरू करने का अनुरोध किया है।

डिफेंस कॉरिडोर की समीक्षा संबंधी जनवरी-फरवरी की उद्योग बंधु की बैठक में निवेशकों की ओर से यह मुद्दा जोर शोर से उठाया गया था। जिसमें कहा गया था कि डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना की पूरी प्रक्रिया होने के बाद यूपीडा ने बताया है कि इसके सहारे आईओसीएल का बॉटलिंग प्लांट है। इसलिए ज्वलनशील गतिविधियों को लेकर बाटलिंग प्लांट के प्रतिबंधों का ध्यान रखें। उस समय डीएम व उद्योग केंद्र के संयुक्त आयुक्त की ओर से निवेशकों को संतुष्ट किया गया था कि जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।

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इसके बाद संयुक्त आयुक्त की ओर से एक पत्र आईओसीएल मुख्यालय मुंबई भेजा गया, जिसमें विषय को विस्तार से रखते हुए यूनिट स्थापना को लेकर जानकारी मांगी। वहां से जवाब मिला है कि बारूद रहित हथियारों के उत्पादन संबंधी इकाइयों में जहां ज्वलनशील पदार्थों का उत्पादन नहीं होता है, तीव्र गरम विकिरण का प्रभाव संयंत्र तक नहीं पहुंचता है। इस प्रकार की सभी इकाइयों को बाटलिंग प्लांट की एक किमी की परिधि स्थापित किया जा सकता है। आईओसीएल के इस जवाब से सभी निवेशकों को अवगत कराते हुए जल्द अपनी यूनिटों की स्थापना का अनुरोध किया है।

आईओसीएल मुख्यालय से नियमों की जानकारी ली गई। जिससे जवाब मिला है कि सिर्फ बारूद उत्पाद छोड़कर कुछ भी बनाया जा सकता है। इस आधार पर सभी निवेशकों को पत्र भेजकर संतुष्ट किया गया है। जल्द निर्माण शुरू करने का अनुरोध किया है। -बीरेंद्र कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग

हमारे सवालों का जवाब उद्योग विभाग ने आईओसीएल मुख्यालय से पत्राचार कर ले लिया है। चूंकि यह पहले से तय था कि इस नोड में बारूद उत्पाद नहीं, बल्कि छोटे हथियार व कलपुर्जे बनेंगे। इसलिए अब निवेशक जल्द अपनी यूनिटों पर काम करने की तैयारी में हैं। -अंशुमान अग्रवाल, निवेशक इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्री

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