वर्तमान समय में लोगों में आंखों का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। इसका कारण बैक्टीरिया का अधिक प्रभावशाली होना है। साथ ही यह संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति को छूने या उसकी चीजें इस्तेमाल करने से दूसरों में हो रहा है। डॉक्टर मरीजों को खांसते व छींकते समय हाथ को मुंह व नाक में लगाने के तुरन्त बाद आंखों को न छूने की सलाह दे रहे हैं। यह भी भ्रम दूर कर रहे हैं कि संक्रमित व्यक्ति की आंखों से देखने से यह समस्या नहीं होती है।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों मे इन दिनों अधिकांश लोग कंजटिवाइटिस और एडिनो वायरस की चपेट में आ रहे है। किसी के आंखों में दर्द हो रहा है तो किसी व्यक्ति की आंखें लाल या गुलाबी हो जा रही है। ऐसे में जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनको अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की काफी भीड़ हो रही है।
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्रा ने बताया कि कंजटिवाइटिस एडिनो वायरस का दूसरा रूप है। हर साल बारिश के मौसम में लोगों को यह दिक्कत होती हैं, लेकिन इस बार इसके बैक्टीरिया अधिक प्रभावशाली हैं, जिस वजह से इस साल अधिक लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। लेकिन घबराने की बात नहीं है, लोगों में यह समस्या पांच से छह दिन में ठीक हो जा रही है। संक्रमित व्यक्ति, उसकी चीजें और जगह को छूने से बचें।
वहीं, ऐसे में बीमार व्यक्ति, शुगर के मरीज, बच्चे और जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनको एहतियात बरतने की अधिक जरूरत है। सावधानी नहीं बरतने वाले लोगों की आंखे गुलाबी में लाल हो जाती है। बिना डॉक्टर को दिखाए दवा का सेवन करने से कार्निया अलसर भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवा लें।
कैसे करें बचाव !
संक्रमण होने पर बार-बार आंखों को छूने से बचे, हाथ धोते रहे, साफ रूमाल पास रखे, बिस्तर साफ रखें, संक्रिमत व्यक्ति को न छूंए, बारिश में भीगने से बचें और स्वीमिंग करने से परहेज करें। वहीं, खांसी-जुकाम होने पर हाथ को मुंह या नाक पर लगाने के तुरंत बाद आंखों में न लगाए, जिससे आंखों में समस्या हो सकती है।