Ginkgo biloba plant : हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज के इलाज में कारगर है गिंकगो बिलोबा के पौधे

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हार्टअटैक और ब्रेन हैमरेज एक साइलेंट किलर बीमारी होती है। यह इतनी खतरनाक होती है कि मरीज को पता भी नहीं चलता और डॉक्टर के पास भी पहुंचने का अवसर नहीं मिलता है। हाल ही में टीवी अभिनेता दीपेश भान जिम से आने के बाद क्रिकेट खेल रहे थे, अचानक टोपी उठाने के लिए गिरे तो फिर संभल नहीं पाए। अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शहर के युवा वैज्ञानिक और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विजिटिंग शोधकर्ता डॉ. अमित दुबे का दावा है कि गिंकगो बिलोबा के पौधे में मौजूद रासानिक तत्व हार्ट और ब्रेन हैमरेज की बीमारी के इलाज में काफी कारगर हैं। उन्होंने नेशनल रिसर्च कौंसिल ऑफ इटली से अपनी डॉक्टरेट रिसर्च के दौरान एक शोध से इस निष्कर्ष पर पहुंचे। 

इस बीमारी में धमनियां सख्त या सिकुड़ जाती हैं। 
डॉ. अमित दुबे के मुताबिक एथेरोस्क्लेरोसिस एक रोग है, जिसमें आपकी धमनियों के अंदर ‘प्लाक’ बनने लगता है। धमनियां ऑक्सीजन युक्त रक्त को आपके हृदय और शरीर के अन्य हिस्सों में ले जाती हैं। वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और रक्त में पाए जाने वाले अन्य पदार्थों से ‘प्लाक’ का निर्माण होता है। एथेरोस्कलेरोसिस में धमनियां सख्त या सिकुड़ जाती हैं। इसकी वजह से धमनियों में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होता है।

अधिकतर मामलों में नहीं बीमारी से पहले नहीं नजर आते लक्षण 
ब्लॉकेज होने तक एथेरोस्कलेरोसिस के अधिकतर लक्षण दिखाई नहीं देते है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, टांग और बांह में दर्द और शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द जहां की धमनी ब्लॉक हो चुकी हो। सांस लेने में दिक्कत, थकान, ब्लॉकेज के मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को प्रभावित करने पर उलझन होना, रक्त प्रवाह की कमी के कारण टांग की मांसपेशियों में कमजोरी आना शामिल है। 

क्या है गिंकगो बिलोबा पौधा  
गिंकगो बिलोबा (जिन्कगोएसी), जिसे ‘मैडेनहेयर’ भी कहा जाता है। यह पौधा संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक बिकने वाला हर्बल उपचार है। कुछ नवीनतम शोध के अनुसार गिंकगो बिलोबा के अर्क से दो महीने की चिकित्सा के बाद एथेरोस्क्लोरोटिक नैनोप्लाक फार्मेशन कम होता पाया गया है। इसी तथ्य पर डॉ. अमित दुबे ने अपने शोध को हार्ट अटैक और ब्रेन रक्तस्त्राव में आगे बढ़ाया। 

शोध के निष्कर्ष 
युवा वैज्ञानिक डॉ. अमित दुबे ने नेशनल रिसर्च कौंसिल ऑफ़ इटली से अपनी डॉक्टरेट रिसर्च के दौरान गिंकगो बिलोबा पौधे पर किये गए अपने एक प्रमुख शोध में यह पाया कि इसके अर्क में दो प्रमुख अंश फ्लेवोनोइड्स और टेरपेन्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यह अथेरोस्क्लेरोसिस में भागीदार काइमेज प्रोटीन को अच्छे से बाधित करने में कारगर है। उन्होंने यह शोध अपने गाइड्स प्रोफेसर एंजेलो फछ्यानो( सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट) और प्रोफेसर एना मारबोत्ती के साथकिया।

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शोध के बाद  यह निष्कर्ष निकाला की गिंकगो बिलोबा के यौगिकों का मेल जो गिंकगोलिडेस और टेरपेन ट्रिलाक्टोनेस है वो कार्डिओ वैस्कुलर बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, ब्रेन रक्तस्त्राव इत्यादि में काफी कारगर है।  डॉ अमित ने अपने गाइड्स के साथ गिंकगो बिलोबा के चार प्रमुख प्राकृतिक यौगिकों को खोजा जो की गिनकोगोलिक एसिड, प्रोएंथोस्यानिदिनीन, क्वेरेटरीन और रूटीन जो काइमेज प्रोटीन को पूरी तरह से बाधित करके एथेरोस्कलेरोसिस बीमारी को सही करने में कारगर हैं। 

शोध के निष्कर्ष को नीदरलैंड की प्रमुख शोध पत्रिका ने विश्व भर में प्रकशित किया
डॉ. अमित दुबे के  गिंकगो बिलोबा (जिन्कगोएसी) के प्राकृतिक यौगिकों की खोज एवं शोध को नीदरलैंड की प्रमुख शोध पत्रिका, बायोकेमिकल एवं बायोफिजिकल रिसर्च कम्युनिकेशन ने प्रकाशित किया। यह शोध कार्य हार्ट अटैक और ब्रेन रक्तस्त्राव की बीमारियों के चिकित्सा विज्ञान के प्रति बहुत ही नवीन दृष्टिकोण है इन अवरोधकों को हार्ट अटैक और ब्रेन रक्तस्त्राव रोगियों के उपचार के लिए उनके भविष्य के नैदानिक परीक्षणों/प्रयोगों के लिए मुख्य यौगिकों के रूप में लिया जा सकता है।

विस्तार

हार्टअटैक और ब्रेन हैमरेज एक साइलेंट किलर बीमारी होती है। यह इतनी खतरनाक होती है कि मरीज को पता भी नहीं चलता और डॉक्टर के पास भी पहुंचने का अवसर नहीं मिलता है। हाल ही में टीवी अभिनेता दीपेश भान जिम से आने के बाद क्रिकेट खेल रहे थे, अचानक टोपी उठाने के लिए गिरे तो फिर संभल नहीं पाए। अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शहर के युवा वैज्ञानिक और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विजिटिंग शोधकर्ता डॉ. अमित दुबे का दावा है कि गिंकगो बिलोबा के पौधे में मौजूद रासानिक तत्व हार्ट और ब्रेन हैमरेज की बीमारी के इलाज में काफी कारगर हैं। उन्होंने नेशनल रिसर्च कौंसिल ऑफ इटली से अपनी डॉक्टरेट रिसर्च के दौरान एक शोध से इस निष्कर्ष पर पहुंचे। 

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