Gorakhpur: सामान बुक कर हड़पने वाला ट्रक मालिक सहित तीन गिरफ्तार, गाड़ी पर लगा दिए थे फर्जी नंबर प्लेट

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सांकेतिक तस्वीर।

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला

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गोरखपुर जिले के कैंट पुलिस ने सामान बुक कर जालसाजी करने के आरोप में ट्रक मालिक, खलासी और सामान खरीदने वाले कबाड़ी को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। खलासी ने चोरी के मोबाइल फोन की मदद से गोरखपुर के ट्रांसपोर्ट से सामान हल्द्वानी ले जाने के लिए बुककर जालसाजी की थी। उसने नंबर प्लेट भी बदल दिया था, ताकि पकड़ा न जा सके, लेकिन पुलिस ने जांच के आधार पर तीनों को दबोच लिया। आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान सीतापुर जिले के पिसावा थाना क्षेत्र के माथन निवासी रियाजुद्दीन, यहीं के खलासी आकाश व शाहजहांपुर के गाड़ीपुरा थाना क्षेत्र के चमकनी निवासी मोहम्मद अयूब के रूप में हुई। सीओ कैंट श्यामदेव विंद ने कैंट थाने में प्रेस कांफ्रेंस कर पकड़े गए बदमाशों के बारे में जानकारी दी।

सीओ ने बताया कि ट्रक मालिक रियाजुद्दीन का ट्रक है एवं पूरे उप्र से बंगाल, बिहार में चलता है। ट्रक का खलासी आकाश के मन में रुपये कमाने की बात आई और उसने पश्चिम बंगाल से आते समय एक ढाबे से मोबाइल फोन चोरी कर लिया और फिर उसने ट्रक नंबर प्लेट बदल कर फर्जी लगा दिया।

इसी चोरी के मोबाइल फोन से उसने गीडा के शुक्ला ट्रांसपोर्ट से संपर्क किया और हल्द्वानी सामान ले जाने की बुकिंग की। जेनरेटर, फ्रिज, अलमारी, चारपाई, गद्दा, कूलर व अन्य घरेलू सामान लादकर वह निकला, लेकिन लापता हो गया। पुलिस केस दर्ज कर जांच शुरू की। सर्विलांस की मदद से ट्रक चालक सीतापुर से पकड़ा गया।

फिर मालिक तक पहुंचकर सामान बरामद किया गया। कुछ सामान उसने शाहजहांपुर में बेचने की बात बताई, जिसके बाद पुलिस वहां से कबाड़ का काम करने वाले अयूब को गिरफ्तार कर ली। अभियुक्तों के पास से अलमारी, कुर्सी, मेज, गद्दा, फ्रिज, वाशिंग मशीन, जेनरेटर, कूलर, टेबल, चारपाई व अन्य सामान के साथ ही 72 हजार नकद बरामद किया गया।

यह हुआ था
13 सितंबर 2022 को शुक्ला ट्रांसपोर्ट से बुकिंग के बाद सामान लादकर ट्रक चालक गया था। इसके बाद से ही वह लापता हो गया। पीड़ित ने पहले खुद कोशिश की, लेकिन जब कहीं से कुछ पता नहीं चला तो उसने 19 सितंबर को कैंट थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश में लगी थी। मोबाइल चोरी का इस्तेमाल हुआ था और नंबर प्लेट भी फर्जी था, इस वजह से आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे थे। पुलिस ने सर्विलांस और फिर सीसीटीवी कैमरों की मदद से जांच की और आरोपी पकड़े गए।

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गोरखपुर जिले के कैंट पुलिस ने सामान बुक कर जालसाजी करने के आरोप में ट्रक मालिक, खलासी और सामान खरीदने वाले कबाड़ी को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। खलासी ने चोरी के मोबाइल फोन की मदद से गोरखपुर के ट्रांसपोर्ट से सामान हल्द्वानी ले जाने के लिए बुककर जालसाजी की थी। उसने नंबर प्लेट भी बदल दिया था, ताकि पकड़ा न जा सके, लेकिन पुलिस ने जांच के आधार पर तीनों को दबोच लिया। आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान सीतापुर जिले के पिसावा थाना क्षेत्र के माथन निवासी रियाजुद्दीन, यहीं के खलासी आकाश व शाहजहांपुर के गाड़ीपुरा थाना क्षेत्र के चमकनी निवासी मोहम्मद अयूब के रूप में हुई। सीओ कैंट श्यामदेव विंद ने कैंट थाने में प्रेस कांफ्रेंस कर पकड़े गए बदमाशों के बारे में जानकारी दी।

सीओ ने बताया कि ट्रक मालिक रियाजुद्दीन का ट्रक है एवं पूरे उप्र से बंगाल, बिहार में चलता है। ट्रक का खलासी आकाश के मन में रुपये कमाने की बात आई और उसने पश्चिम बंगाल से आते समय एक ढाबे से मोबाइल फोन चोरी कर लिया और फिर उसने ट्रक नंबर प्लेट बदल कर फर्जी लगा दिया।

इसी चोरी के मोबाइल फोन से उसने गीडा के शुक्ला ट्रांसपोर्ट से संपर्क किया और हल्द्वानी सामान ले जाने की बुकिंग की। जेनरेटर, फ्रिज, अलमारी, चारपाई, गद्दा, कूलर व अन्य घरेलू सामान लादकर वह निकला, लेकिन लापता हो गया। पुलिस केस दर्ज कर जांच शुरू की। सर्विलांस की मदद से ट्रक चालक सीतापुर से पकड़ा गया।

फिर मालिक तक पहुंचकर सामान बरामद किया गया। कुछ सामान उसने शाहजहांपुर में बेचने की बात बताई, जिसके बाद पुलिस वहां से कबाड़ का काम करने वाले अयूब को गिरफ्तार कर ली। अभियुक्तों के पास से अलमारी, कुर्सी, मेज, गद्दा, फ्रिज, वाशिंग मशीन, जेनरेटर, कूलर, टेबल, चारपाई व अन्य सामान के साथ ही 72 हजार नकद बरामद किया गया।

यह हुआ था

13 सितंबर 2022 को शुक्ला ट्रांसपोर्ट से बुकिंग के बाद सामान लादकर ट्रक चालक गया था। इसके बाद से ही वह लापता हो गया। पीड़ित ने पहले खुद कोशिश की, लेकिन जब कहीं से कुछ पता नहीं चला तो उसने 19 सितंबर को कैंट थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश में लगी थी। मोबाइल चोरी का इस्तेमाल हुआ था और नंबर प्लेट भी फर्जी था, इस वजह से आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे थे। पुलिस ने सर्विलांस और फिर सीसीटीवी कैमरों की मदद से जांच की और आरोपी पकड़े गए।



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