[ad_1]
नवरात्रि
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आज हम महिलाओं को सशक्त करने की बात करते हैं। इस समय महिला सशक्तिकरण की बयार चल रही है और इसी समय आया है नवरात्र का पर्व। यानी गुप्त नवरात्रि पर्व। जो सोमवार से शुरू हो रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि यह एक ऐसा पर्व है जो हमारी संस्कृति में महिलाओं के गरिमामय स्थान को दर्शाता है। नारी मूलत: शक्ति है, वह असीम ऊर्जा है, जिसके बिना संरचना, पोषण, रक्षा और आनंद की कल्पना नहीं की जा सकती है। नवरात्र में हम उसी नारी शक्ति को पूजते हैं । भारतीय दर्शन ने मां दुर्गा के माध्यम से नारी-शक्ति को महत्व दिया गया है ।
उन्होंने बताया कि गुप्त नवरात्र का 28 जून को समापन होगा। उधर, वैदिक ज्योतिष संस्थान के स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि गुप्त नवरात्र में सौभाग्य, धन, ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए देवी की आराधना जरुरी है। इन नौ दिनों में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की विशेष पूजा की जाती है। गुप्त सिद्धियां प्राप्त करने एवं तंत्र-मंत्र करने के लिए अषाढ़ की नवरात्रि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। उन्होंने बताया कि घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 05:23 बजे से 07:27 तक लगभग दो घंटे चार मिनट का रहेगा वहीं अभिजित मुहूर्त प्रातः 11:55 मिनट से दोपहर 12:50 मिनट तक रहेगा।
चातुर्मास में नहीं होंगे शुभकार्य
देव शयनी एकादशी से देवठान एकादशी 29 जून से 23 नवंबर तक (चातुर्मास ) होगा। चातुर्मास में हिंदू धर्म के अनुसार इन चार माह में कोई भी शुभ मंगल कार्य नहीं किये जाते हैं। भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम के लिए चले जाते हैं। जिसके बाद ज्यादातर सभी शुभ कामों पर रोक लग जाती है।
[ad_2]
Source link