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आलू की फसल की खुदाई करते ग्रामीण
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हाथरस में इस बार आलू की अच्छी फसल हुई है। किसानों ने आलू की खोदाई शुरू कर दी है। प्रति बीघा 50 से 60 पैकेट उपज निकले से किसान काफी उत्साहित हैं। आलू की गुणवत्ता अच्छी होने से वह अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। किसान अपनी उपज भंडारण के लिए शीतग्रहों में भेज रहे हैं।
हाथरस जनपद के मुरसान, सादाबाद, सहपऊ, सासनी और हाथरस विकास खंड में काफी आलू की खेती की जाती है। सादाबाद और मुरसान विकास खंड को आलू उत्पादन का केंद्र माना जाता है। जिले में इस बार करीब 48 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती की गई है, जबकि पिछले साल करीब 45 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती की गई थी। किसानों ने आलू की फसल की खोदाई शुरू कर दी है। खुदाई में आलू की गुणवत्ता अच्छी निकलने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। किसान अपनी उपज भंडारण के लिए सीधे शीतगृह भेज रहे हैं। ठेकेदार सुबह ही महिला और पुरुष मजूदरों को खेत में काम करने के लिए ले जाता है। गांवों में आलू की खोदाई शुरू होने से ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है।
सता रहा मौसम का डर
आलू किसान मौसम खराब होने के डर से जल्द से जल्द खोदाई करके अपनी उपज का भंडारण करना चाहते हैं। किसानों को डर है कि बारिश होने पर उनकी तैयार फसल बर्बाद हो जाएगी। इससे उन्हें काफी नुकसान होगा।
बातचीत
आलू फसल की खोदाई शुरू हो चुकी है। इस साल आलू की गुणवत्ता अच्छी निकल रही है। इसलिए भाव भी अच्छा मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण मजदूरों को भी भरपूर रोजगार मिल रहा है। -जयसिंह चौधरी, किसान
इस साल आलू की गुणवत्ता काभी अच्छी है। हालांकि फरवरी में ही काफी गर्मी होने से बारिश के आसार बन रहे हैं। ऐसे में फसल की खोदाई पूरी कराकर शीतगृह भेजने पर जोर दिया जा रहा है। – अनिल चौधरी, किसान
पिछले साल काफी कम कीमत पर आलू बेचना पड़ा। इस बार 50 से 60 पैकेट प्रति बीघा निकल रही उपज निकल रही है। आलू की मांग भी काफी अधिक है। – यशपाल सिंह, किसान
एक पैकेट में 45 से 50 किलो तक आलू होता है।आलू की खेती में अच्छी खासी लागत लगती है। इसलिए भाव अच्छा मिले, तब कहीं जाकर किसान को लाभ मिलता है। – संतोष, किसान
इस साल जनपद में आलू का रकबा पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। आलू की खोदाई शुरू हो चुकी है। किसानों ने शीतगृह पर आलू रखना शुरू कर दिया है। – अनीता सिंह, जिला उद्यान अधिकारी
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