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यूपी पुलिस।
– फोटो : अमर उजाला।
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समय के साथ पुलिस भी हाईटेक हो गई है। अब थानों में कंप्यूटर से लेकर पुलिस विभाग द्वारा नए नए मोबाइल एक शुरू किए गए हैं। इसके बावजूद आज भी पुलिस द्वारा जनरल डायरी से केस डायरी तक लिखने में उर्दू और फारसी के मुश्किल शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इन शब्दों का मतलब समझने के लिए आम आदमी को अधिवक्ताओं का सहारा लेना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार हाईटेक होती जा रही है। अब पुलिस के पास एंड्रायड मोबाइल, टेबलेट से लेकर कंप्यूटर तक हैं। पुलिस विभाग द्वारा नए एप भी लांच किए गए हैं। इसके बावजूद पुलिस की भाषा अभी भी अंग्रेजों के जमाने की है। जनरल डायरी से केस डायरी तक में उर्दू और फारसी शब्दों का अधिक प्रयोग हो रहा है। यह शब्द लोगों की समझ में नहीं आते हैं।
लोगों को एफआईआर, पुलिस के विवेचना के कागज पढ़ने में परेशानी होती है। लोगों को अनुवादकों या किसी अधिवक्ताओं की मदद लेनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने गत दिनों एक आदेश पारित किया था। जिसमें उर्दू और फारसी के शब्दों के प्रयोग की जगह आसान हिंदी शब्द लिखने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। मगर, उत्तर प्रदेश पुलिस अंग्रेजों के समय वाली भाषा ही लिख रही है।
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