ग्रेटर नोएडा की बिसरख कोतवाली में पायल और उसके भाई अरुण का चंद सेकेंड के लिए सामना हुआ। इसी दौरान पायल ने पुलिस के सामने कहा कि अगर दादरी पुलिस उसकी माता-पिता की मौत के जिम्मेदारों को गिरफ्तार कर लेती, तो वह खूनी साजिश नहीं रचती। पायल के भाई ने भी माता-पिता के खुदकुशी करने के बाद दादरी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। बढ़पुरा निवासी अरुण भाटी ने बताया कि उसके पिता रविंद्र भाटी एक मीडिया संस्थान से जुड़े थे। अरुण की पत्नी स्वाति रविंद्र भाटी के चरित्र पर उंगली उठाती थी। उसके भाई भी स्वाति का साथ देते थे। सभी मिलकर दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे थे।
वहीं, शादी कराने वाला बिचौलिया सुनील भी पांच लाख रुपये के लिए दबाव बना रहा था। इससे तंग आकर ही उनके पिता रविंद्र व मां राकेश ने 17 मई 2021 को जहरीले पदार्थ का सेवन कर खुदकुशी की थी।
उन्होंने सुसाइड नोट में आरोपियों के नाम लिखकर आत्महत्या करने का कारण भी लिखा था। इसके बावजूद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था। पीड़ित परिवार थाने के चक्कर लगाता रहा।
पायल भी बार-बार आरोपियों पर कार्रवाई के बारे में अपने भाइयों से पूछताछ करती थी और अधिकारियों से शिकायत करने की कहती थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि दंपती के खुदकुशी के बाद मिला सुसाइड नोट फॉरेंसिक जांच लिए भेजा गया था, रिपोर्ट नहीं मिली। लेकिन पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया था। फिर बाद में तीन आरोपियों को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई।
दंपती की खुदकुशी की जांच कर रही पुलिस को नहीं लगी भनक
दादरी पुलिस दंपती की खुदकुशी के केस की जांच करने का हवाला दे रही है। लेकिन दंपती के घर में ही हेमा का शव मिलने की वहां की पुलिस को भनक तक नहीं लगी। इसको लेकर और हेमा और पायल में फर्क न करने को लेकर कई सवाल भी उठे।