High Court : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास के लिए अधिग्रहीत, विकसित भूमि का ब्योरा करें पेश

0
54

[ad_1]

कोर्ट

कोर्ट
– फोटो : social media

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा सुनियोजित विकास के लिए गौतमबुद्धनगर की जेवर तहसील के 16गावों की अधिगृहीत और विकसित हुई भूमि की जानकारी मांगी है।  कोर्ट ने भविष्य में होने वाले विकास का शुरुआती प्लान भी पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी।   

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने कमल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।  याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की। ज्ञात हो कि 2009 में ग्राम पचोकरा की जमीन सुनियोजित विकास के लिए अधिग्रहीत की गई।

इस बीच प्राधिकरण के अधिवक्ता ने एक चार्ट पेश करने के लिए समय मांगा जिसमें अधिग्रहीत जमीन, विकसित, उपयोग में लाई गई जमीन, विकास के लिए आवंटित तथा खर्च हुई राशि का ब्योरा दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने तीन नवंबर तक जानकारी मांगी है।

यह भी पढ़ें -  आईआईटी के प्रो. मणींद्र का दावा: कोरोना की तीसरी लहर जैसी होगी चौथी लहर, सतर्कता बरतने की आवश्यकता

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा सुनियोजित विकास के लिए गौतमबुद्धनगर की जेवर तहसील के 16गावों की अधिगृहीत और विकसित हुई भूमि की जानकारी मांगी है।  कोर्ट ने भविष्य में होने वाले विकास का शुरुआती प्लान भी पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी।   

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने कमल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।  याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की। ज्ञात हो कि 2009 में ग्राम पचोकरा की जमीन सुनियोजित विकास के लिए अधिग्रहीत की गई।

इस बीच प्राधिकरण के अधिवक्ता ने एक चार्ट पेश करने के लिए समय मांगा जिसमें अधिग्रहीत जमीन, विकसित, उपयोग में लाई गई जमीन, विकास के लिए आवंटित तथा खर्च हुई राशि का ब्योरा दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने तीन नवंबर तक जानकारी मांगी है।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here