[ad_1]
सीएम योगी अदित्यनाथ।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध करने वाली ताकतें जो देश, प्रदेश का विकास होते नहीं देखना चाहतीं, राज्य को इसकी जांच करनी चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने इस संबंध में कोई निर्देश जारी करने से परहेज़ किया। यह राज्य पर छोड़ दिया है। कोर्ट ने यह टिप्पणी अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल की इस आशय की आशंका उठाए जाने पर की। जिसमें उन्होंने कहा था कि याची, जिसका 14 केसों का आपराधिक इतिहास है। वह 2007 से गोरखपुर जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ रहा है। जिसमें काफी धन खर्च हुआ है। उसके पीछे सरकार व प्रदेश के विकास विरोधी ताकतें हैं।
कोर्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ केस में विवेचना के बाद दाखिल फाइनल रिपोर्ट पर याची की आपत्ति ट्रायल कोर्ट द्वारा निरस्त करने को सही माना और कहा जिस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला अंतिम हो चुका, उस पर ट्रायल कोर्ट पुनर्विचार नहीं कर सकती। कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ के मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका को न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानते हुए एक लाख रुपये हर्जाने सहित खारिज कर दी है और याची को चार हफ्ते में हर्जाना आर्मी वेलफेयर फंड में जमा करने का निर्देश दिया है।कोर्ट के इस फैसले से योगी आदित्यनाथ को बड़ी राहत मिली है। यह फैसला न्यायमूर्ति डीके सिंह ने गोरखपुर के कथित सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज़ की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर दिया है।
[ad_2]
Source link