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इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्तियों की नियुक्ति के मामले में कोलेजियम की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं के नाम प्रस्तावित करने के मामले में विवाद गहरा गया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इसके विरोध में शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद बैठक कर न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर दिया। कहा है कि शनिवार को भी न्यायिक कार्य नहीं किया जाएगा। बार एसोसिएशन ने कहा कि कोलेजियम के इस निर्णय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बार इसका पुरजोर विरोध करती है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद द्वारा दिनांक 16 मार्च 2022 और 23 अगस्त 2022 को मुख्य न्यायमूर्ति को भेजे गये प्रस्ताव में इस बात का अनुरोध किया गया था कि हाईकोर्ट इलाहाबाद में मात्र इलाहाबाद और उसकी लखनऊ खंडपीठ में वकालत कर रहे अधिवक्तागण को ही बतौर न्यायमूर्ति नियुक्त किया जाय। किन्तु हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के प्रस्ताव को दरकिनार कर उच्चतम न्यायालय के चार अधिवक्ताओं को कोलोजियम द्वारा न्यायमूर्ति नियुक्ति के लिए प्रस्तावित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में कई आदेश पारित किए हैं। उसके विपरीत यहां के बार के सदस्यों को छोड़कर दूसरी बार के अधिवक्ताओं को नियुक्ति किया जा रहा है। कोलेजियम का यह प्रस्ताव सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां बड़ी संख्या में ऐसे अधिवक्ता हैं जो बतौर न्यायमूर्ति बेहतर कार्य कर सकते हैं। उनकी हाईकोर्ट में लगातार मौजूदगी है और वे लगातार बेहतर काम कर रहे हैं। ऐसे में बाहरी अधिवक्ताओं को बतौर न्यायमूर्ति के लिए नाम प्रस्तावित किया जाना गलत है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद इसका पुरजोर विरोध करती है।
बैठक में भोजनावकाश के बाद और शनिवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया है। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व अध्यक्ष राकेश पांडेय, वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी, पंडित दया शंकर मिश्र, प्रभाशंकर मिश्र, अशोक कुमार सिंह, सुरेश चन्द्र पांडेय, मनोज कुमार मिश्र, नीरज कुमार त्रिपाठी, सुरेन्द्र नाथ मिश्र, धर्मेन्द्र सिंह यादव, सत्यम पांडेय, श्यामा चरण त्रिपाठी, आशुतोष त्रिपाठी, ऊष्मा मिश्रा, अरुण कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्तियों की नियुक्ति के मामले में कोलेजियम की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं के नाम प्रस्तावित करने के मामले में विवाद गहरा गया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इसके विरोध में शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद बैठक कर न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर दिया। कहा है कि शनिवार को भी न्यायिक कार्य नहीं किया जाएगा। बार एसोसिएशन ने कहा कि कोलेजियम के इस निर्णय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बार इसका पुरजोर विरोध करती है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद द्वारा दिनांक 16 मार्च 2022 और 23 अगस्त 2022 को मुख्य न्यायमूर्ति को भेजे गये प्रस्ताव में इस बात का अनुरोध किया गया था कि हाईकोर्ट इलाहाबाद में मात्र इलाहाबाद और उसकी लखनऊ खंडपीठ में वकालत कर रहे अधिवक्तागण को ही बतौर न्यायमूर्ति नियुक्त किया जाय। किन्तु हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के प्रस्ताव को दरकिनार कर उच्चतम न्यायालय के चार अधिवक्ताओं को कोलोजियम द्वारा न्यायमूर्ति नियुक्ति के लिए प्रस्तावित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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