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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 23 May 2022 10:25 PM IST
सार
हाईकोर्ट ने कहा है कि मुआवजा राशि दोनों नाबालिग बच्चों के नाम राष्ट्रीय बैंक में सावधि जमा की जाए और बालिग होने तक जिलाधिकारी उनके वैधानिक संरक्षक के जरिये निगरानी रखें। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ललितपुर को भी उन्हें नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम ललितपुर को निर्देश दिया है कि चुनाव ड्यूटी में कोविड महामारी से मृत सहायक अध्यापक के दो नाबालिग बच्चों की अर्जी पर दो हफ्ते में सुनवाई करें और दो माह के भीतर एक जून 2021 के शासनादेश के तहत मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करें। हाईकोर्ट ने मुआवजा अर्जी अपलोड करने की तिथि 15 जून 2022 तक बढ़ा दी है और कहा है कि यह आदेश विशेष परिस्थितियों को देखते हुए दिया गया है। इसका लाभ अन्य लोगों को नहीं मिलेगा।
हाईकोर्ट ने कहा है कि मुआवजा राशि दोनों नाबालिग बच्चों के नाम राष्ट्रीय बैंक में सावधि जमा की जाए और बालिग होने तक जिलाधिकारी उनके वैधानिक संरक्षक के जरिये निगरानी रखें। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ललितपुर को भी उन्हें नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही महानिबंधक को रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी तथा न्यायमूर्ति वीडी चौहान की खंडपीठ ने कुमारी प्रियंका व अभिषेक की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याचीगण की ओर से कहा गया कि उनके पिता सहायक अध्यापक थे। चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से उनकी मौत हो गई। शासनादेश के तहत उन्होंने बीएसए ललितपुर को अर्जी दी लेकिन जिलाधिकारी के जरिये समय रहते उसे पोर्टल पर अपलोड नहीं करा सके। भगवान सिंह ने कोर्ट से वैधानिक संरक्षक का आदेश लेकर मदद की। सुनवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण ली जिस पर कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
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