Jaunpur: रेडीमेड कपड़े की दुकान में लगी आग, 30 लाख का माल जलकर खाक, बच्चों को बचाने में दंपती झुलसे

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आग से जले कपड़े

आग से जले कपड़े
– फोटो : अमर उजाला

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यूपी के जौनपुर जिले के बदलापुर में दिवाली की रात एक रेडीमेड कपड़े की दुकान में भीषण आग लग गई। जब तक आग पर काबू पाया जाता तबतक दुकान में रखा करीब 30 लाख का माल जलकर खाक हो गया। आग लगने कारण अज्ञात है। बदलापुर कस्बे के श्री हनुमान मंदिर के पास विवेक कुमार गुप्ता की बजरंग वस्त्रालय एण्ड गारमेंट की दुकान है।

जिस मकान में दुकान है उसी में विवेक अपने परिवार के साथ रहता है। सोमवार रात दीपावली पर दुकान में पूजा पाठ करने के बाद दीपक व मोमबत्ती आदि बुझा कर विवेक रात 12 बजे सोने चला गया। एक कमरे में विवेक अपनी पत्नी गुड़िया गुप्ता (35), बेटे वैभव, विपुल, आदर्श व मनमोहन के साथ सो रहा था। दूसरे कमरे में उसकी मां रिटायर्ड शिक्षिका शान्ति देवी सो रही थी।

रात करीब दो बजे अचानक कमरे में धुंआ भरने लगा। सांस घुटने पर सभी की नींद खुली। आननफानन कमरे का दरवाजा खोला तो बाहर उनकी दुकान धू-धूकर जल रही थी। विवेक व उसकी पत्नी अपनी मां बच्चों को घर से निकालने लगे। इस दौरान दोनों आग की चपेट में आने से झुलस भी गए। बाहर स्थानीय लोगों की भीड़ आग बुझाने की कोशिश में जुटी थी।

सूचना पर पहुंचे फायर ब्रिगेड क्रमियों ने  मोर्चा संभाल लिया और कुछ देर बाद ही आग पर काबू पा लिया। कपड़ा व्यापारी विवेक कुमार गुप्ता के मुताबिक आग लगने की चपेट में आने से 30 लाख रुपये का सामान जलकर राख हो गया है। आग लगने का कारण साफ नहीं है। 

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यूपी के जौनपुर जिले के बदलापुर में दिवाली की रात एक रेडीमेड कपड़े की दुकान में भीषण आग लग गई। जब तक आग पर काबू पाया जाता तबतक दुकान में रखा करीब 30 लाख का माल जलकर खाक हो गया। आग लगने कारण अज्ञात है। बदलापुर कस्बे के श्री हनुमान मंदिर के पास विवेक कुमार गुप्ता की बजरंग वस्त्रालय एण्ड गारमेंट की दुकान है।

जिस मकान में दुकान है उसी में विवेक अपने परिवार के साथ रहता है। सोमवार रात दीपावली पर दुकान में पूजा पाठ करने के बाद दीपक व मोमबत्ती आदि बुझा कर विवेक रात 12 बजे सोने चला गया। एक कमरे में विवेक अपनी पत्नी गुड़िया गुप्ता (35), बेटे वैभव, विपुल, आदर्श व मनमोहन के साथ सो रहा था। दूसरे कमरे में उसकी मां रिटायर्ड शिक्षिका शान्ति देवी सो रही थी।

रात करीब दो बजे अचानक कमरे में धुंआ भरने लगा। सांस घुटने पर सभी की नींद खुली। आननफानन कमरे का दरवाजा खोला तो बाहर उनकी दुकान धू-धूकर जल रही थी। विवेक व उसकी पत्नी अपनी मां बच्चों को घर से निकालने लगे। इस दौरान दोनों आग की चपेट में आने से झुलस भी गए। बाहर स्थानीय लोगों की भीड़ आग बुझाने की कोशिश में जुटी थी।



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