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पुलिस कमिश्नर ने जांच के लिए एसआईटी की दो टीमें गठित की हैं। एटीएस ने भी जांच शुरू कर दी है। जुमे की नमाज के बाद नई सड़क पर हिंसा हुई थी। पुलिस ने तीन केस दर्ज किए थे। हिंसा के दिन ही 18 उपद्रवियों को दबोच लिया गया था। शनिवार को ये सभी जेल भेजे गए थे।
पुलिस ने रविवार को सात और आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसमें फीलखाना निवासी सैफुल्ला, कर्नलगंज का मोहम्मद नसीम अहमद, बेकनगंज का मोहम्मद शारिक, सीसामऊ का सरतजा, अनवरगंज का अरफित रैनी और हाफिज फैसल शामिल हैं। पुलिस के पास इन उपद्रवियों के फोटो और वीडियो उपलब्ध है। फुटेज व फोटो के जरिये अब तक करीब 70 उपद्रवियों की पहचान की जा चुकी है। इन सभी की तलाश में एक दर्जन टीमें लगाई गई हैं।
इसलिए गठित की गईं एसआईटी की दो टीमें
पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी की दो टीमें गठित की हैं। पहली एसआईटी डीसीपी संजीव त्यागी के नेतृत्व में बवाल में दर्ज केसों की विवेचना करेगी। दूसरी एसआईटी एडीसीपी पूर्वी राहुल मिठास के नेतृत्व में बनाई गई है। जो वीडियो व फोटो के जरिये दंगाइयों की पहचान करेगी। अभी तक सैकड़ों वीडियो व फोटो पुलिस ने जुटाए हैं।
एटीएस चीफ एडीजी नवीन अरोड़ा टीम के साथ रविवार दोपहर बाद सद्भावना चौकी पहुंचे। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर से जानकारी ली। उसके बाद कमांडो के साथ हिंसा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। तमाम अहम दस्तावेज भी पुलिस से लिए। एटीएस ने गंभीरता से मामले की जांच शुरू की है। आने वाले समय में बड़ी कार्रवाई संभव है।
अब तक 22 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। सात और गिरफ्तार किए गए हैं। करीब 70 उपद्रवियों की और पहचान कर ली गई है। इनकी धरपकड़ जारी है। विवेचना व उपद्रवियों की पहचान के लिए अलग-अलग एसआईटी गठित की गई है। एसआईटी का पर्यवेक्षण ज्वाइंट सीपी करेंगे। – विजय सिंह मीणा, पुलिस कमिश्नर
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