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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत वृहद संतृप्तीकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अभियान 10 जून तक चलेगा। इसके बाद कोई किसान यह नहीं कहेगा कि पात्र होने के बाद उसको सम्मान निधि नहीं मिली। तकनीक भ्रष्टाचार पर तो प्रहार करती है साथ ही पात्रों को भी किस तरह लाभ पहुंचाती है यह कार्यक्रम उसका उदाहरण बनेगा। बुधवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि 55000 ग्राम पंचायतों में यह अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक गांव में कृषि विभाग राजस्व बैंक व अन्य सभी संबंधित विभागों की टीम शिविर लगाएगी जिनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में आधार वेरिफिकेशन के साथ-साथ निधि सत्यापन का काम भी होगा।
उन्होंने कहा कि किसान और श्रमिक किसी सरकार के एजेंडे का हिस्सा हो सकते हैं यह वर्ष 2014 के बाद पहली बार लोगों ने देखा। हर व्यक्ति जहां अपने स्वास्थ्य की जांच कराता है वहीं धरती मां के स्वास्थ्य की जांच भी होनी चाहिए यह प्रधानमंत्री मोदी ने बताया और उन्होंने मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कार्ड बनाने का अभियान शुरू कराया। इस मौके पर सीएम ने कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
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आपदा से फसल बर्बाद होने पर पहले किसान बर्बाद हो जाते थे पर अब उनको फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जाता है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 22 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई की व्यवस्था दी गई। किसानों की आय दोगुनी करने के अभियान के तहत एमएसपी की घोषणा की गई। जहां धान और गेहूं के साथ दलहन और तिलहन की फसलों का भी एमएसपी दिया गया।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 55,800 करोड़ रुपए किसानों को इस निधि के तौर पर दिए गए। उन्होंने कहा कि सभी ग्रामवासियों को उनके स्वामित्व के लिए 56 लाख परिवारों को घरौनी उपलब्ध कराई गई। चाहे बीसी सखी हो चाहे अन्य योजनाएं लोगों को लाभ दिया गया। यह अभियान 10 जून तक चलेगा और सभी संस्थाएं मिलकर काम करेंगी। इसमें रुकी हुई पिछली किश्तें भी प्राप्त होंगी तो आधार सत्यापन के साथ-साथ पात्रों का भी सत्यापन होगा। कोई भी पात्र 10 जून के बाद इसके लाभ से वंचित नहीं रहेगा।
जो पात्र नहीं वह भी स्वयं आगे आएं
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि जो व्यक्ति पात्र नहीं है वह स्वत: स्फूर्त भाव से यह कहे कि लिपिकीय त्रुटि के कारण उसका नाम इस सूची में आ गया है। उसका नाम सूची से काटा जाए और जो वास्तव में जो पात्र है उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाए। कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।
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