मलिहाबाद रेंज में तेंदुए की दहशत बरकरार, वन विभाग के साथ स्थानीय पुलिस टीम क्षेत्र में कर रही कॉम्बिंग

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लखनऊ। मलिहाबाद रेंज में तेंदुए की चहल-कदमी का वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों के जेहन में तेंदुए की दहशत बरकरार है। तेंदुए की तलाश में वन विभाग के साथ स्थानीय पुलिस टीम क्षेत्र में कॉम्बिंग कर रही है। बावजूद इसके वन विभाग के पास तेंदुए को लेकर कोई पुख्ता तथ्य नहीं मिले हैं। फिलहाल, तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक पिंजड़ा लगाया है, ताकि वन्यजीव को आसानी से पकड़ा जा सके।

शनिवार को रहीमाबाद के मवई कला तेंदुए की चहल कदमी करते एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इसके बाद ग्रामीण अपने-अपने घरों में दुबक कर बैठ गए है। पूर्व में भी राजधानी से सटे इलाकों में तेंदुए को देखने जाने और उनके हमले की अफवाह उड़ चुकी है।

वायरल वीडियो की नहीं हो सकी पुष्टि
गौरतलब है कि 17 मई को मलिहाबाद रेंज के रहीमाबाद मवई कला गांव में तेंदुए की चहल-कदमी करते एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इसके बाद सोमवार शाम पांच बजे नत्थू खेड़ा और तेरवा गांव में आम के बाग में तेंदुआ को चहल कदमी का वीडियो फिर से वायरल हुआ था। जिससे ग्रामीणों के जेहन में दशहत पैदा हो गई। अभी वन-विभाग को तेंदुए के कोई भी पगचिन्ह मिले है और न ही वनविभाग की तरफ से वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि की गई है। प्रथम दृष्टया में वनविभाग इसे अफवाह मान रहा है।

कैमरे के साथ लगाया गया पिंजरा
मलिहाबाद रेंजर आलोक तिवारी के मुताबिक, गांव में तेदुंए की दहशत को लेकर वन विभाग की छह सदस्यीय टीम तैयार की गई है। तेंदुए को पकड़ने के लिए लखनऊ-उन्नाव के सीमावर्ती कुठली गांव में कैमरे के साथ एक पिंजरा लगाया गया है। कैमरे से मॉनिटरिंग की जा रही है। फिलहाल, अभी तक वन विभाग के पिंजरे में कोई वन्यजीव नहीं फंसा है।

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शावक बताया जा रहा है तेंदुआ
लखनऊ रेंज की रेंजर सोमन दीक्षित ने बताया कि वायरल हो रहा वीडियो उन्नाव जनपद का बताया जा रहा है। वीडियो के आधार पर कयास लगाया जा रहा है कि तेंदुआ शावक है। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि यह वीडियो नया है या फिर पुराना। वनविभाग और पुलिस की संयुक्त टीमे क्षेत्र में लगातार काम्बिंग कर रही है।

इन-इन क्षेत्रों में वन्यजीवों की है आबादी
दुबग्गा रेंजर सोनम दीक्षित ने बताया कि लखनऊ से करीब 240 किमी की दूरी पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व है। जिसे पीलीभीत वाइल्डलाफ सैंक्चुरी के नाम से भी जानते है। इसमें तेंदुए के अलावा बाघ की आबादी पाई जाती है। इसके अलावा बहराइच के कतर्निया वन्यजीव अभयारण्य में वन्य जीवों की एक बड़ी आबादी है।

वहीं लखीमपुर खीरी जनपद में मोहाना और सुहाली नदी के बीच दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में यह बड़ी संख्या में दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के बाघ, तेंदुए बिल्ली, स्लथ बियर, राइनोर्स (एक सींग), हिसपिड खरगोश, हाथी, काले हिरण और दलदली हिरण की आबादी है। इसका क्षेत्रफल 818 वर्ग किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि कई बार वन्यजीव जंगल का रास्ता भटक कर शहर की तरफ जाते हैं। तो वहीं, बूढे़ हो चुके वन्यजीव शिकार न कर पाने की वजह से खाने-पीने की तलाश में घुमते हुए शहर की तरफ निकल पड़ते हैं।

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