Lucknow: योगी ने वाल्मीकि मंदिर में की पूजा, बोले- महर्षि ने दुनिया को श्रीराम के चरित्र से कराया साक्षात्कार

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महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते मुख्यमंत्री योगी।

महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते मुख्यमंत्री योगी।
– फोटो : amar ujala

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महर्षि वाल्मीकि ने अपनी अमर रचना के माध्यम से देश और दुनिया को भगवान श्रीराम के पावन चरित्र से साक्षात्कार कराया है। इसके जरिए उन्होंने प्रत्येक नागरिक के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है। दुनिया की कोई ऐसी भाषा नहीं है, जिसने रामायण को आधार न बनाया हो। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र को जनता तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को है, तो वह महर्षि वाल्मीकि और संत तुलसीदास हैं। वे रविवार को राजधानी में महर्षि वाल्मीकि आश्रम परिवर्तन चौक में आदि कवि महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि आज शरद पूर्णिमा भी है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा सबसे अधिक चमकीला और धरती के सबसे नजदीक होता है। इसका अपना आध्यात्मिक महत्व है। भगवान राम ने वनवास के दौरान सर्वाधिक समय चित्रकूट में व्यतीत किया था। चित्रकूट के लालापुर में महर्षि वाल्मीकि की साधना स्थली व राजापुर  तुलसीदास की जन्मभूमि है। प्रदेश सरकार इन दोनों स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रही है। लालापुर में पहाड़ी की चोटी पर रोपवे के निर्माण युद्ध स्तर पर जारी है।

सीएम ने कहा कि उन्हें वाल्मीकि समुदाय से जुड़ी समस्याओं का प्रतिवेदन मिले हैं। प्रदेश सरकार ने वाल्मीकि समाज के हितों के लिए एक आयोग बनाया है। आयोग अपनी रिपोर्ट समय-समय पर सरकार को देता रहेगा तो उस पर कार्यवाही होती रहेगी। आयोग अपनी रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराएगा तो सरकार को वाल्मीकि समाज और सफाईकर्मियों के उत्थान के लिए अच्छी योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व महापौर संयुक्ता भाटिया भी शामिल हुईं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महर्षि वाल्मीकि ने अपनी अमर रचना के माध्यम से देश और दुनिया को भगवान श्रीराम के पावन चरित्र से साक्षात्कार कराया है। इसके जरिए उन्होंने प्रत्येक नागरिक के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है। दुनिया की कोई ऐसी भाषा नहीं है, जिसने रामायण को आधार न बनाया हो। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र को जनता तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को है, तो वह महर्षि वाल्मीकि और संत तुलसीदास हैं। वे रविवार को राजधानी में महर्षि वाल्मीकि आश्रम परिवर्तन चौक में आदि कवि महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि आज शरद पूर्णिमा भी है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा सबसे अधिक चमकीला और धरती के सबसे नजदीक होता है। इसका अपना आध्यात्मिक महत्व है। भगवान राम ने वनवास के दौरान सर्वाधिक समय चित्रकूट में व्यतीत किया था। चित्रकूट के लालापुर में महर्षि वाल्मीकि की साधना स्थली व राजापुर  तुलसीदास की जन्मभूमि है। प्रदेश सरकार इन दोनों स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रही है। लालापुर में पहाड़ी की चोटी पर रोपवे के निर्माण युद्ध स्तर पर जारी है।

सीएम ने कहा कि उन्हें वाल्मीकि समुदाय से जुड़ी समस्याओं का प्रतिवेदन मिले हैं। प्रदेश सरकार ने वाल्मीकि समाज के हितों के लिए एक आयोग बनाया है। आयोग अपनी रिपोर्ट समय-समय पर सरकार को देता रहेगा तो उस पर कार्यवाही होती रहेगी। आयोग अपनी रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराएगा तो सरकार को वाल्मीकि समाज और सफाईकर्मियों के उत्थान के लिए अच्छी योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व महापौर संयुक्ता भाटिया भी शामिल हुईं।



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