Lucknow Mayor: लखनऊ मेयर के लिए मुलायम की बहू अपर्णा यादव प्रमुख दावेदारों में, एक और पूर्व सीएम की बहू का नाम चर्चा में

0
14

[ad_1]

Aparna Yadav and Alka Das name for Lucknow mayor posts.

अपर्णा यादव

विस्तार

महापौर की सीट के लिए भाजपा से पूर्व व मौजूदा डिप्टी सीएम की पत्नियों के अलावा दो पूर्व सीएम की बहुएं भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक सकती हैं। सीट महिला होने के बाद इनके नामों पर तेजी से चर्चा हो रही है। दावेदारी तो औरों की भी है, लेकिन इन्हें प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। ऐसे में महापौर सीट को लेकर होने वाला चुनाव रोचक होगा।

पिछले चार चुनावों में महापौर की सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा है। इससे पहले यह सीट कांग्रेस के पास थी। शहर की दूसरी महिला महापौर बनने के लिए कई बड़े नाम चर्चा में हैं। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व महापौर डॉ. दिनेश शर्मा की पत्नी जय लक्ष्मी शर्मा का नाम प्रमुख है। मौजूदा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक का नाम भी चर्चा में है। पिछले चुनाव में भी इनका नाम उछला था।

ये भी पढ़ें – भाजपा से नहीं बनी बात, अब सुभासपा अपने दम पर लड़ेगी चुनाव, राजभर ने सुनाया ये फरमान

ये भी पढ़ें – भाजपा बोली- सांसद और MLA टिकट के लिए न बनाएं दबाव, मुस्लिम बहुल सीटों को नहीं करेंगे नजरअंदाज

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबू बनारसी दास की बहू अलका दास और पूर्व सीएम स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का नाम भी प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है। अपर्णा इस समय भाजपा में हैं। निर्वतमान महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ उनकी बहू रेशू भाटिया के नाम की भी चर्चा है। इसके अलावा विधायक नीरज बोरा की पत्नी बिंदु बोरा और भाजपा नेता सुधीर हलवासिया की पत्नी माधुरी हलवासिया भी नाम जोरों पर है।

यह भी पढ़ें -  आगरा के बेसिक शिक्षा अधिकारी निलंबित: शिक्षकों के ट्रांसफर और समायोजन में अनियमितता बरतने का आरोप

इनकी भी दावेदारी है मजबूत

सपा से पिछली बार मीरा वर्धन ने चुनाव लड़ा था। इस बार भी उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। चर्चा है कि पार्टी में उनसे बेहतर प्रत्याशी सामने नहीं आया है। कांग्रेस से पिछली बार प्रेमा अवस्थी ने ताल ठोंकी थी। इस बार उनके नाम की चर्चा कम है। पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका गुप्ता की चर्चा ज्यादा है। दावेदारी को लेकर उनकी ओर से मजबूती से प्रयास किया जा रहा है। बीते साल जब सीट अनारक्षित प्रस्तावित थी, तब कारोबारी राजेश कुमार जायसवाल का नाम पार्टी में पहले नंबर पर था। सीट महिला होने के बाद प्रियंका की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। इसका एक कारण यह भी है कि प्रियंका गुप्ता को प्रियंका गांधी का खास माना जाता है। उधर, बसपा से पिछली बार बुलबुल गोदियाल चुनाव में थीं, मगर इस बार अभी किसी दावेदार के नाम की चर्चा नहीं है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here