[ad_1]
मथुरा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर इंडस्ट्रियल एरिया साइट बी स्थित 16 साड़ी फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शन काटने संबंधी आदेश ने उद्यमियों में खलबली है। इसमें से नौ इकाइयों के कनेक्शन काटने पर मंगलवार को फैक्टरी संचालक और मजदूरों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय को घेर लिया। यहां धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।
यमुना प्रदूषण को लेकर लंबे समय से मथुरा की औद्योगिक इकाइयों की निगरानी राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से की जा रही है। इस प्रक्रिया में कुछ माह पहले लखनऊ स्तर से मसानी और औद्योगिक क्षेत्र बी की 55 इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया था। इस प्रक्रिया में औद्योगिक क्षेत्र की 16 साड़ी इकाइयों के कनेक्शन काटने के आदेश विद्युत अधिकारियों को जारी कर दिए गए।
यह सभी साड़ी इकाइयां संयुक्त औद्योगिक ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी हुई हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस आदेश पर विद्युत निगम टीम ने नौ फैक्ट्रियों की बिजली काट दी। इससे आक्रोशित उद्यमियों के साथ मजदूरों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय पर नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए।
फैक्टरी संचालकों ने जताई नाराजगी
इस दौरान प्रदर्शनकारी वीरेंद्र सिंह, सुजान सिंह, रवि शर्मा ने बताया कि संयुक्त औद्योगिक ट्रीटमेंट प्लांट का नवीनीकरण नमामि गंगे योजना के तहत सरकार और उद्यमियों के संयुक्त प्रयास से हो रहा है। यहां औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले जल के नमूने केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की निगरानी में लिए गए थे, जो मानकों के अनुरूप आए हैं। इसके बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 16 इकाइयों के कनेक्शन काटने के आदेश जारी कर दिए हैं। नौ के कनेक्शन काट दिए गए।
मिलन भाटिया ने बताया कि विभागीय अधिकारी इस मामले में मनमानी कर रहे हैं। आवासीय क्षेत्र में संचालित इकाइयों को नोटिस के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। नेशनल चैंबर्स के अध्यक्ष राजेश बजाज ने बताया कि प्रदूषण विभाग की नाइंसाफी है। उद्यमियों को इसके बारे में पहले कोई जानकारी नहीं दी थी।
विस्तार
मथुरा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर इंडस्ट्रियल एरिया साइट बी स्थित 16 साड़ी फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शन काटने संबंधी आदेश ने उद्यमियों में खलबली है। इसमें से नौ इकाइयों के कनेक्शन काटने पर मंगलवार को फैक्टरी संचालक और मजदूरों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय को घेर लिया। यहां धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।
यमुना प्रदूषण को लेकर लंबे समय से मथुरा की औद्योगिक इकाइयों की निगरानी राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से की जा रही है। इस प्रक्रिया में कुछ माह पहले लखनऊ स्तर से मसानी और औद्योगिक क्षेत्र बी की 55 इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया था। इस प्रक्रिया में औद्योगिक क्षेत्र की 16 साड़ी इकाइयों के कनेक्शन काटने के आदेश विद्युत अधिकारियों को जारी कर दिए गए।
यह सभी साड़ी इकाइयां संयुक्त औद्योगिक ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी हुई हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस आदेश पर विद्युत निगम टीम ने नौ फैक्ट्रियों की बिजली काट दी। इससे आक्रोशित उद्यमियों के साथ मजदूरों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय पर नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए।
[ad_2]
Source link