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मथुरा के थाना कोसीकलां में श्री बिहारीजी महाराज सेवा ट्रस्ट की भूमि के दस्तावेजों में हेराफेरी कर मंदिर की जमीन पर मजार बनाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें 23 लोगों को नामजद किया गया है। आरोपियों में तत्कालीन तहसीलदार, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक एवं ग्राम प्रधान सहित सपा नेता भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह है मामला
आरोप है कि गांव शाहपुर में 18 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान और सपा नेता ने लेखपाल के साथ मिलकर श्री बिहारीजी महाराज सेवा ट्रस्ट की भूमि पर स्थित मंदिर पर कब्जा कर जमीन के कागजातों में हेराफेरी करते हुए कब्रिस्तान भूमि में दर्शा दिया। सेवा पूजा के अभाव में खंडहर हुए बिहारीजी मंदिर परिसर में 15 मार्च 2020 की रात ईदू, नासिर, हनीफ, शहीद, अशफाक, रिजवान, सलीम, राजू, जमाल, अख्तार, सुलेमान, अजीज, शकील, इंसाद, जाहिरा, मुस्ताक, जमील, शाहिद समेत 30 लोगों ने मंदिर के सिंहासन को तोड़कर उसे मजार में तब्दील कर दिया।
यहां पूर्व में ही बने कुएं को भी तहस-नहस कर दिया गया था। इसका विरोध ग्रामीणों ने किया तो आरोपियों ने इसे कब्रिस्तान की जमीन बता दिया। प्रशासनिक अफसरों को दो सितंबर 2004 में बदले गए खसरा संख्या के संबंधित कागजात दिखाकर गुमराह कर दिया गया। 15 मार्च 2020 को इन लोगों ने बिहारीजी के क्षतिग्रस्त सिंहासन पर मजार का पक्का निर्माण कर इबादत शुरू कर दी।
मुकदमे में तत्कालीन तहसीलदार समेत 23 लोग नामजद
रामअवतार सिंह की तहरीर पर मामले की जांच शुरू की तो स्थिति स्पष्ट हो गई। पुलिस ने अब रामअवतार की तहरीर पर शमशाद, भोला, उमर शेर, शमशेर, राजू, अशफाक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। एसपी ग्रामीण श्रीश चंद ने बताया कि तत्कालीन सपा अध्यक्ष भोला खान पठान, रामवीर प्रधान, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार समेत 23 लोगों को नामजदों किया गया है। आरोपियों को जल्द पकड़ा जाएगा।
विस्तार
मथुरा के थाना कोसीकलां में श्री बिहारीजी महाराज सेवा ट्रस्ट की भूमि के दस्तावेजों में हेराफेरी कर मंदिर की जमीन पर मजार बनाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें 23 लोगों को नामजद किया गया है। आरोपियों में तत्कालीन तहसीलदार, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक एवं ग्राम प्रधान सहित सपा नेता भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह है मामला
आरोप है कि गांव शाहपुर में 18 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान और सपा नेता ने लेखपाल के साथ मिलकर श्री बिहारीजी महाराज सेवा ट्रस्ट की भूमि पर स्थित मंदिर पर कब्जा कर जमीन के कागजातों में हेराफेरी करते हुए कब्रिस्तान भूमि में दर्शा दिया। सेवा पूजा के अभाव में खंडहर हुए बिहारीजी मंदिर परिसर में 15 मार्च 2020 की रात ईदू, नासिर, हनीफ, शहीद, अशफाक, रिजवान, सलीम, राजू, जमाल, अख्तार, सुलेमान, अजीज, शकील, इंसाद, जाहिरा, मुस्ताक, जमील, शाहिद समेत 30 लोगों ने मंदिर के सिंहासन को तोड़कर उसे मजार में तब्दील कर दिया।
यहां पूर्व में ही बने कुएं को भी तहस-नहस कर दिया गया था। इसका विरोध ग्रामीणों ने किया तो आरोपियों ने इसे कब्रिस्तान की जमीन बता दिया। प्रशासनिक अफसरों को दो सितंबर 2004 में बदले गए खसरा संख्या के संबंधित कागजात दिखाकर गुमराह कर दिया गया। 15 मार्च 2020 को इन लोगों ने बिहारीजी के क्षतिग्रस्त सिंहासन पर मजार का पक्का निर्माण कर इबादत शुरू कर दी।
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